Hut Near Sea Beach

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House Boat

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Poly House

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Lotus Temple Delhi

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Enjoy holiday on Ship

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गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009

अनोखा होटल

मुकेश के झा


पर्सियन गल्फ में पानी के अंदर बन रहा होटल वास्तव में किसी अजूबा से कम नहीं है। यह होटल आधुनिक सुख-सुविधाओं से भरपूर होगा। यह अनोखा होटल जल की दुनिया को एक नये रूप में परिभाषित करने के लिये अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगा।

विज्ञान दिन प्रति दिन उन्नति की शिखर पर पहुंच रहा है। आज तकनीक इतना विकसित हो चुका है कि लोग चन्द्रमा पर रहने की बात कर रहे हैं, कुछ कंपनियां तो अभी से ही यहां की धरती को लेकर डिलींग भी शुरु कर चुकी है। अब तो जल,थल और नभ तीनों में ही आशियाना बन रहा है। इसी कॉन्सेप्ट के फेहरिस्त में शुमार हो रहा है, दुबई का एक होटल। यह कोई साधारण होटल नहीं है।

इसका निर्माण पानी के अंदर किया जा रहा है। यह करीब 260 हेक्टेयर में फैला हुआ होगा। इसका आकार- प्रकार लंदन स्थित हाइड पार्क जैसा हो सकता है। यह पर्सियन गल्फ के सतह से 66 फीट नीचे होगा। इसका निर्माण दुबई के प्रसिद्ध समुद्री किनारा जुमेरिया के पास किया जा रहा है। इस होटल को कंक्रीट और स्टील मजबूती प्रदान कर रहा है। प्लैक्सीगल्स दीवार और डबल आकार का बना समुद्र में तैरता गुबंद के आकार का इस होटल से आप चाहें तो समुद्र की दुनिया को एक नये अंदाज में देख सकते हैं।

पूरे होटल को तीन भागों में बांटा जाएगा। पहला भाग में लैंड स्टेशन होगा, जहां आने वाले अतिथियों के स्वागत के लिये बेहतर व्यवस्था होगी। यहां पर बने ट्यूनल के पास आने के लिये आपको ट्रेन का सहारा लेना होगा और यह होटल का मुख्य भाग भी होगा। इस होटल के अंदर 220 आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस कॉम्पलैक्स भी होंगे। इस होटल के निर्माण में करीब तीन सौ मिलियन डॉलर लागत आएगी। यह अनोखा होटल 10 स्टार लेवल का होगा।

इस प्रोजेक्ट को क्रीसेन्ट हाइड्रोपोलिस होल्डिंग नामक कंपनी बना रही है। होटल का डिज़ायन प्रोफेसर रोलैंड डाईटर्ली ने तैयार किया है। इस होटल के शुभारम्भ को लेकर कई बार ऊहापोह की स्थिति रही लेकिन अब इसे अगले साल खोल दिया जाएगा। यह स्थान दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में से आता है, जहां इस प्रकार के सपनों को साकार किया जा रहा है। जहां इस अनोखे होटल का निर्माण किया जा रहा है, वह स्थान दुबई के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतुम का है। इस होटल का निर्माण किसी काल्पनिक दुनिया जैसा ही है, जिसे विज्ञान की तरक्की ने एक अनोखा और सुन्दर रूप दे दिया है। इसके निर्माण कार्य को लेकर काम जोरों से चल रहा है और इसमें करीब 150 बिल्डिरर्स फर्म अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट को लेकर दुनिया की प्रसिद्ध बिल्डर कंपनिया कम जोर-आजमाइश नहीं की थी, लेकिन इसे धरातल पर लाना इतना आसान नहीं था। इस होटल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे क्रीसेन्ट हाइड्रोपोलिस होल्डिंग्स  के प्रमुख हौसेर का कहना है कि इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा थी, किस प्रकार से पानी के अंदर एक आकर्षक बिल्डिंग  का निर्माण किया जाय जो पानी की दुनिया में अपनी अलग ही पहचान रखे। इसके लिये इनकी कंपनी ने तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल किया,तब कहीं जाकर इस सपने को साकार किया जा सका। इस प्रोजेक्ट को लेकर कुछ लोगों का कहना था कि पानी के अंदर इसे बनाना लगभग असंभव ही है, लेकिन आप देख रहें हैं कि कैसे इसका काम तेजी से चल रहा है।


इस होटल का डिज़ायन सचमुच आदमी के मनोवैज्ञानिक सोच और वास्तुकला का अनोखा संगम है। इसे बनाते समय ज्यामितीय गणित के आधार पर एक वृत के चारों ओर आठ ऐसे स्थान बनाने थे, जो होटल के रेस्तरां, बार, मीटिंग रूम और थीम से लैस घर आदि के लिये स्पेस बना सके। इनके इस निर्माण की तुलना मानव शरीर के महत्वपूर्ण भाग से आप कर सकते हैं। इस होटल का बॉल रूम नर्व सेंटर के रूप में है जो होटलों के अन्य भागों को अलग-अलग तरीके से जोड़कर रखता है। सचमुच इस होटल का निर्माण मानव समाज की उन्नति की अलग प्रकार का गाथा लिख रहा है।

वर्ल्ड आइलैंड



यह आइलैंड का समूह संयुक्त अरब अमीरात के औद्योगिक राजधानी दुबई के खाड़ी में बनाया जा रहा है। इस प्रसिद्ध प्रोजेक्ट का कॉन्सेप्ट वर्ल्ड  मैप है। यहां करीब 300 द्वीपसमूह बनाए जा रहे हैं। सच में देखा जाय तो प्रकृति की गोद में बसा यह स्थान अपनी भव्यता और सुन्दरता की अलग ही दुनिया बसा ली है। यह पूरा आइलैंड 9.5 किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत मैरिन विलेज़ को भी विकसित किया जा रहा है। यहां रहने वाले लोगों और आगुन्तकों के लिए उचित भोजन की व्यवस्था,शॉपिंग के लिये रिटेल शॉप,150 रूम की मॉडर्न और शानदार होटल, स्पा जैसे कई आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध होंगी।


वर्ल्ड मैप पर भले ही दुबई छोटा हो लेकिन इसकी रंगीन दुनिया किसी को प्रभावित करने के लिये काफी है। खासकर, यहां का निर्माण अनोखी दुनिया से रूबरू करवाता है। इसी कारण दुबई को पूरी दुनिया में अनोखा स्थान माना जाता है। धन कुबेरों की यह नगरी अपने निर्माण कार्य को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है।

यहां के रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी नखील वर्ल्ड  मैप को आधार मानकर एक ऐसा आइलैंड का निर्माण कर रहा है, जो अपने आप में अनोखा होने के साथ, कौतुहल का विषय बना हुआ है। इसे दुबई के खाड़ी में बनाया जा रहा है। यह दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व करते हुये, 300 द्वीप समूहों के रूप में है, जो 9.5 किमी. के विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है। यह वर्ल्ड आइलैंड्स वास्तव में मानव की कल्पनाओं को धरातल पर उतारने जैसा है। इस कल्पना को मानवीय सोच और वैज्ञानिक तर्क ने एक अनोखे अंदाज में ढाला है। समुद्र की अथाह गहराइयों में दुनिया बसाना इतना आसान नहीं होता। एक्सट्रीम इंजीनियरिंग के प्रयोग से समुद्र की इन अतल गहराइयों में द्वीप समूह बनाने के लिए समुद्री बालु का इस्तेमाल किया जाता है। दुबई के शासक शेख मोहम्द बिन राशिद अल मकतुम और नखील प्रॉपर्टीज ने इसे जीवंत रूप दिया है। इस द्वीप समूह का विस्तार करीब चौदह हज़ार स्क्वेयर मीटर से लेकर बयालीस हज़ार स्क्वेयर मीटर तक है। यहां पर बन रहे 300 द्वीप समूहों के बीच औसतन 100 मीटर की दूरी रखी गयी है। वल्र्ड आइलैंड नौ किमी. लंबा और 6 किमी. चौड़ा है, जो अंडाकार बांध से घिरा हुआ है।

वर्ष 2005 में अनुमान लगाया गया था कि इस वल्र्ड आइलैंड्स को बनाने में करीब 14 बिलियन डॉलर की लागत आयेगी। इस प्रसिद्ध प्रोजेक्ट के रहस्यों का उजागर सर्व प्रथम मई, 2003 में शेख मोहम्मद द्वारा किया गया और उसके ठीक चार महीने बाद समुद्री बालू के सहारे कार्र्य को धरातल पर लाया गया। जनवरी, 2008 तक करीब 60 प्रतिशत आइलैंड्स को विश्व के हस्तियों के बीच बेचा जा चुका था। इसकी लोकप्रियता का अनुमान आप इससे ही लगा सकते हैं कि वर्ष 2007 के शुरूआती चार महीने में करीब 20 आइलैंड्स बिक चुके थे। 10 जनवरी, 2008 को इस प्रोजेक्ट के अंतिम परिणति तक डेवलपर्स पहुंच चुके थे। इस आइलैंड्स को कॉमर्शियल और रेसीडेंशियल दोनों प्रकार से बनाये गये हैं । यहां की सुरक्षा ऐसी बनायी जा रही है कि परिंदा भी पर न मार सके।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े कंपनियां यहां रहने वाले लोगों को विश्व स्तर की सुरक्षा मुहैया कराना चाहती हैं, ताकि प्रकृति के इस मनोरम स्थल का दुगुना मजा लिया जा सके। इस प्रोजेक्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर हमज़ा मुस्तफा इस वल्र्ड आइलैंड की सुरक्षा को लेकर काफी संजीदे हैं। यहां पर सुरक्षा में नियुक्त सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से अत्याधुनिक शस्त्रों से लैस होंगे।अल्ट्रा मोदेर्ण सिक्युरिटी सिस्टम भी सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियां एक ऐसा मिसाल कायम करना चाहती है, जो पूरे विश्व में उदाहरण बन सके। नखील द्वारा घोषणा किया गया है कि यहां पर बनने वाला पहला आइलैंड 'कोरल आइलैंड' में विश्व स्तर की सभी लग्जूरिअस सुविधाओं से लैस होगा। यह वर्ल्ड मैप के आधार के हिसाब से यह प्रसिद्ध आइलैंड नार्थ कॉस्ट ऑफ कनाडा के स्थान बन रहा है। 'कोरल आइलैंड' वर्ल्ड  आइलैंड के नार्थ-अमेरिका के क्षेत्र से बने 20 आइलैंड्स से जुड़े हुये रहेंगे। यह 73 हेक्टेयर में फैला हुआ है. आइलैंड्स मैरीना विलेज़, बेहतरीन स्पा होटल और रेसीडेंशियल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं से भरपूर होगा। 'कोरल आइलैंड' में मैरिन विलेज़ को भी विकसित किया जा रहा है, जहां सभी आधुनिक सुख-सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जिसमें मुख्य हैं- उचित भोजन की व्यवस्था, शॉपिंग के लिये रिटेल शॉप,150 रूम की मॉडर्न और शानदार होटल, स्पा। यहां के होटल दुबई के बड़े होटलों के नाम में शुमार होने जा रहा है । यहां इन हाउस स्वीमिंग पूल भी होगा। यह स्थान सिटी के भीड़-भाड़ से दूर आपको एक सुकून और ताजगी भरी अहसास भी दिलाएगा। इस कोरल आइलैंड को 2010 तक तैयार करने की संभावना जतायी जा रही है।

वर्ल्ड आइलैंड को बनाने में 320 मिलियन क्यूबिक मीटर बालू की ज़रूरत होगी। इस बहुप्रतीक्षत आइलैंड के निर्माण के होने से विश्व के मानचित्र में दुबई विश्व भर के सैलानियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन जाएगा। दुनिया भर की हस्तियों के रहने से यह आइलैंड की लोकप्रियता का ग्राफ कितना ऊंचा हो जाएगा, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। यहां के करीब 50 प्रतिशत प्रसिद्ध आइलैंड को विश्व भर की हस्तियों ने खरीद ली है। इस आइलैंड पर प्राइवेट रिजोर्ट,रेस्टोरेंट,याचेट क्लब, स्कूबा डाइविंग,मैरिन्स, बिच क्लब। आइलैंड के निर्माण के पूर्ण होने के समय यहां आधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस 40 लग्ज़रियस रिजोर्ट होंगे, जो यहां के माहौल को और भी रंगीन कर देंगे। यहां विश्व भर की प्रसिद्ध ब्रांडेड कंपनियां लोगों की सेवा देंगी। संयुक्त अरब अमीरात की प्रसिद्ध रियल एस्टेट कंपनी नखील प्रॉपर्टीज ने वर्ष 2006 में इस प्रोजेक्ट की विधिवत घोषणा दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में की थी। वर्तमान में करीब 90 प्रतिशत कार्य को पूरा कर लिया गया है। इस आइलैंड को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है और प्रत्येक श्रेणी की दुनिया को भी अलग-अलग अंदाज़ में रखा गया है। इस आइलैंड की दुनिया, अनोखे अंदाज़ में होने के कारण रियल एस्टेट में चर्चा का विषय बन चुकी है। अनुमान है कि आने वाले समय में इसकी लोकप्रियता का ग्राफ काफी ऊंचा हो जाने के कारण, यह दुबई पर्यटकों का पसंदीदा स्थान बन सकता है। यहां के टूर एंड ट्रेवल कंपनियों के लिये वल्र्ड आइलैंड किसी वरदान से कम नहीं होगा। विश्वभर के लोगों के जमावाड़े से यहां विविध सभ्यता और संस्कृति की झलक देखने को लि सकती है। यहां पर अनेकता में एकता के रूप में कई देशों के लोग आकर अपनी अहमियत साबित करेंगे। कुछ निर्माण इतिहास के पन्नों में स्थान पाते हैं और वह अमर हो जाते हैं। ठीक उसी प्रकार इस आइलैंड का निर्माण भी इतिहास की दुनिया को एक नये अंदाज़ में परिभाषित करते हुये नज़र आएगा। यहां पर मिलने वाली सुविधाओं को देखकर कहा जा सकता है कि यहां की दुनिया बाकी दुनिया से काफी अलग होने के साथ-साथ मस्ती और उमंग की कहानी एक नये अंदाज़ में कहती हुयी नज़र आयेगी। दुनियाभर की हस्तियों की पसंदीदा जगह बन जाने के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहेगा। यदि आप आम लोगों से हटकर हैं और पैसों की दुनिया के बेताज बादशाह भी हैं तो यहां आपका स्वागत है। आपके स्वगत के लिये वर्ल्ड आइलैंड बांहे फैलाये हुये है।


यहां पर एक आइलैंड की कीमत 15 मिलियन डॉलर से लेकर 50 मिलियन डॉलर के बीच रखा गया है। एक प्रसिद्ध आइलैंड की कीमत करीब 250 मिलियन डॉलर आंकी गयी है।

इस आइलैंड को बनाने के पीछे अभिधारणा था कि पूरी दुनिया चार प्रमुख आवागमन केन्द्र पर टिकी हुयी है, जो जलमार्ग से जुड़े हुये हैं। सामान्य रूप से ज़मीन पर रियल एस्टेट, रिसोर्ट और कमर्शल के रूप में प्रयोग होते हैं। इसी सिद्धांतो को आधार मानकर इस प्रसिद्ध आइलैंड का निर्माण किया जा रहा है।
मुकेश कुमार  झा

अजब-गज़ब मिनी होटल्स

दुनिया में एक से बढ़कर एक अजब-गज़ब स्थान है। इनकी खूबियों लिक से हटकर होती है। यह स्थान अपनी एक विशिष्ट पहचान भी रखते हैं। यहां पर हम आपको एक से बढ़कर एक अजूबे होटल से रूबरू कराएंगे। यह होटल, होटलों की दुनिया को एक नया अंदाज़ दे रहा है। यहां पर उल्लेख किए गये होटलों में कुछ तो मुख्य होटल से जुड़कर नई इबारत भी लिख रहे हैं। यह होटल के रूप-स्वरूप तो छोटे हैं लेकिन लोकप्रियता के ग्राफ में नामी-गिरामी होटल को भी मात दे रहे हैं। इसके रूप-स्वरूप के साथ यहां की व्यवस्था को देखकर एक पल के लिए आप भी चौंक सकते हैं। तो चौंकने के लिए हो जाएं तैयार।

1.यह होटल अनोखे होटलों की दुनिया में एक अलग स्थान रखता है। यह अफ्रीका के प्रसिद्ध वन्य प्राणी जिराफ के नाम पर बना है। यह अजूबा होटल केन्या की राजधानी नैरोबी के पास स्थित है। इस होटल में आपके स्वागत के लिए जिराफ का झुंड आपके आस-पास मंडराता हुआ नज़र आएगा। यह होटल सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां रहने वाले जिराफ आपको एक परिवार के सदस्य की तरह लगेंगे। डीनर से ब्रेकफ्रास्ट तक आपके टेबल के आस-पास यहां जिराफ मंडराते रहते हैं। इस होटल की वेबसाइट के अनुसार दुनिया में यह पहला होटल है, जहां आप तमाम तरह के व्यंजन का आनंद जिराफ की दुनिया का हिस्सा बनकर ले सकते हैं।

2.यह अनोखा होटल आस्ट्रिया के ओटैनशैम नामक स्थान पर स्थित है। इस होटल का नाम डासपार्क है। यह होटल लीक से हटकर अनोखा कॉन्सेप्ट पर बना हुआ है। होटल में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। खासकर यहां की मेजबानी इतना खास है कि इसे यादों के झरोखों में रख सकते हैं। होटल के बाहर रखे दस ड्रेंज पाइपों के अंदर रहने की जो व्यवस्था की गई है, वास्तव में अनोखा होने के साथ रोमांच भी पैदा करती है। प्रत्येक ड्रेंज पाइप का ब्यास करीब 6.5 मीटर है।

3.यह होटल भी कम अजूबा नहीं है। यह होटल नीदरलैंड की राजधानी एमस्ट्रेडम से करीब एक घंटे की दूरी पर, हरलीनजेन नामक स्थान पर स्थित है। इस होटल का नाम 'द हार्बर क्रेन' है। 'द हार्बर क्रेन' सभी तरह की सुविधाओं से लैस है। यह समुद्र के बंदरगाह पर स्थित के्रन में बना हुआ है। यह अनोखी क्रेन वर्ष 1996 तक लकड़ी ढोने के काम में लाया जाता थी लेकिन बाद में इस क्रेन को होटल का रूप दे दिया गया । इस क्रेन रूपी होटल में दिन और  रात के समय सिर्फ दो व्यक्तियों को रहने दिया जाता है।

4.यह होटल पशु प्रेमी के लिए खास है। खासकर, कुत्ता प्रेमी के लिए यह पसंदीदा स्थान बन चुका है। 'द डॉग बार्क होटल' शिकारी कुत्ता के शेप में बनाया गया है। यह होटल अमेरिका के आइडाहो काउंटी के कॉटनवुड नामक स्थान पर स्थित है।  शिकारी कुत्ता के शेप में बना यह होटल सारी सुविधाओं से युक्त है। इसके अंदर प्रवेश करने के बाद एडवेंचरस लाइफ का आनंद लिया जा सकता है। इसके स्वरूप को खास प्रकार के फर्नीचर से तैयार किया गया है। लेकिन यह स्वरूप यहां स्थित होटल के थीम पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध कलाकारों ने तैयार किया है।

5.होटल एवरलैंड वास्तव में अनोखा है। यह फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित प्रसिद्ध होटल एवरलैंड का सबसे लक्ज़ूरियस स्थान है। यह Uthe Palais de Tokyo museum के छत पर स्थित है। यह सिंगल रूम का बना हुआ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें बाथरूम्स, एक किंग साइज बेड, लॉन्ज जैसी सुविधाएं है। यह अनोखा होटल रात्री सेवा के लिए उपलब्ध है। इस होटल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां से एफिल टॉवर की नयनाभिराम दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इस सेवा का फायदा उठाने के लिए आप प्रत्येक दिन के रैंडम आवर के बाद ऑन लाइन रिर्जेवेशन करा सकते हैं।

6. होटल मारमारा अंताल्या तुर्की और यूरोपियन कल्चर की साझा विरासत को अपने में समेटे हुए है। यह होटल तुर्की के प्रसिद्ध स्थान अंताल्या में स्थित है। होटल मारमारा अंताल्या यहां का सबसे प्रतिष्ठित होटलों में से एक है। इस होटल का वास्तुकला और गर्मजोशी से भरा स्वागत काफी प्रसिद्ध है। विश्व प्रसिद्ध यह होटल सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां पर 12 आरामदायक कक्ष हैं, जो इस प्रकार से घूमता है कि आप पूरे होटल और आस-पास के दृश्य का मनमोहक आनंद ले सकते हैं।

7.यह होटल कप्पाडोसिया तुर्की में ही स्थित है। यह Yunak एवलेरी माउंटन क्लीफ पर स्थित है। प्रकृति की गोद में बसा इस होटल की संरचना अद्भूत है। इस होटल के कमरे गुफानुमा घर में बना है, जो सभी तरह की सुविधाओं से युक्त है। यह होटल 19 वीं शताब्दी में ग्रीक कल्चर में बने भवनों का खाका जैसा है। इस होटल में 30 कमरे हैं। यहां से प्राकृतिक रूप का अनोखा नज़ारा का भी आनंद उठा सकते हैं।

8.न्यूजीलैंड में स्थित वुडीलीयन पार्क काफी मशहूर है। इस पार्क में हॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'लॉर्ड ऑफ द रिंग्स' की शूटिंग की गई थी। इस स्थान का जिक्र कई प्रसिद्ध किताबों में मिल जाता है। यहां स्थित यह होटल प्राकृतिक सुरम्यता के साथ अनोखा रूप से भी रूबरू करवाता है। यह होटल पहाड़ो की दुनिया को एक नया अंदाज़ दे रहा है।

9.पेड़ों पर चीडिय़ो द्वारा घोसला बनाना तो आपने सुना होगा लेकिन वक्त की रफ्तार ने इस कॉन्सेप्ट को भी बदल दिया है। अब मानव भी पेड़ों की शाखाओं पर आशियाना बनाना शुरू कर दिया है, आप इसे शौकिया तौर पर ही लें। यहां पर जो चित्र आप देख रहे हैं, वह अमेरिका के State of Oregon में स्थित है। यहां पर इस तरह के 18 ट्री हाउस हैं, जो होटल के रूप को अख्यितार कर लिया है। यह प्रसिद्ध स्थान प्रमुख हॉलीडे डेस्टीनेशन बन चुका है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह ट्री होटल में कई कमरे और बाथरूम्स भी हैं, वह अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ। ज्यादातर होटलों के निर्माण में लकड़ी का ही इस्तेमाल किया गया है। इसमें कुछ होटल तो ज़मीन से 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

10. न्यूज़ीलैंड स्थित क्राइस्ट चर्च में बना Wagon Stays होटल अनोखा होने के साथ-साथ प्रमुख हॉलीडे डेस्टीनेशन भी है। इस वैगन होटल में बाथरूम, किचिन और सैटेलाइट टीवी जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। यह होटल का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां आए आगुन्तकों के स्वागत में यह वैगन स्टे होटल बांहे पसारे स्वागत में खड़ा दिखता है।
मुकेश कुमार झा

बुधवार, 28 अक्टूबर 2009

सॉल्ट होटल



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गुफानुमा घर




आपने इतिहास के किताबों में ज़रूर पढ़ा होगा कि प्राचीन मानव गुफा और कंदराओं में रहते थे। वर्तमान में यह बात फिर से दोहरायी जा रही है, क्योंकि इतिहास अपने को दोहराता है। इस दोहराव के साथ-साथ, आप कुछ हटकर आशियाना चाहते है तो ई-बे के वेबसाइट पर आपका स्वागत है। इस साइट के अनुसार, आपके पास यदि 3 लाख डॉलर हैं तो इस गुफानुमा आशियाने का मालिक हो सकते हैं।


यह गुफानुमा घर प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह मस्त-मौला हाउस संयुक्त राज्य अमेरिका के मिसौरी राज्य के फेस्टस टाउन में है। इस साइट की जानकारी के अनुसार इसे वर्ष 2003 में स्लिपर परिवार ने खरीदा था। यह अत्याधुनिक तीन बेडरूस और 2 बाथरूस से लैस है। इसका पूरा क्षेत्रफल 2.80 एकड़ में है। जल्द ही इस घर की नीलामी के लिये बोली लगायी जा सकती है।

 यह घर कहने के लिये तो गुफा में है लेकिन शान-बान में यह किसी भी भव्य घर को मात दे सकता है। ऐसा भला हो भी क्यों नहीं, जब सभी आधुनिक सुविधाएं गुफानुमा घर में मौजूद हों। यदि आप भी चाहते हैं कि लीक से हटकर कुछ काम करें तो यहां आपका स्वागत है।
मुकेश कुमार झा

सोमवार, 12 अक्टूबर 2009

म्यूनिख की शान- बीएमडब्ल्यू हेडक्वार्टर



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ग्लैमर और मज़बूती की अनोखी मिसाल बीएमडब्ल्यू का हेडक्वार्टर जर्मनी के प्रमुख शहर म्यूनिख की शान है। यहां पर हुए समर ओलंपिक जो वर्ष 1972 में आयोजित की गये थे, उस समय यह निर्माण अपनी बुलंदियों के चरम पर पहुंच चुका था। वर्तमान में इस हेडक्वार्टर के रूपों में कई प्रकार के परिवर्तन करने के बाद भी लोगों के आकर्षण के केन्द्र बना हुआ है।
जर्मनी के सबसे प्रसिद्ध शहर म्यूनिख पूरी दुनिया में अपनी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है। इसी विशेषताओं की फेहरिस्त में शुमार है- यहां स्थित रफ्तार के सौदागर बीएमडब्ल्यू का हेडक्वार्टर। इस का हेडक्वार्टर आर्किटेक्ट बरबस किसी को भी आकर्षित करती है। इसका डिज़ायन अपने आप अनोखा है। इसका निर्माण कार्य 1968 शुरु किया गया और उसे वर्ष 1972 तक पूरा कर लिया गया। यहां आयोजित समर ओलंपिक (1972)के समय इस शहर की यह निर्माण शान बन चुका था। इसका उद्घाटन 18 मई, 1973 को हुआ। यह प्रसिद्ध बिल्डिंग 101 मीटर ऊंची है । इसे ओलंपिक विलेज़ के सामने बनाया गया था। यह म्यूनिख की शान के रूप में अपनी प्रसिद्धी की चरम पर ओलंपिक के समय ही पहुंच चुकी थी।
इस बिल्डिंग की आकृति रेस कार की टायर के आकार से काफी मिलती-जुलती है। इसका गैरेज के स्वरूप में बेलनाकार शीर्ष आकर्षण का केन्द्र है। इसके निर्माण में प्रसिद्ध आस्ट्रेलियन वास्तुकार कार्ल स्वानजर ने अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग किया है। इसका मैन टावर चार बेलनाकार आकृति पर टिका हुआ  है, जो एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। प्रत्येक बेलनाकार आकृति क्षैतिज रूप से मुख्यद्वार के सांचे के केन्द्र में रखकर बांटा गया है। ध्यान देने वाली बात है कि प्रत्येक बेलनाकार आकृति ग्राउंड लेवल से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि केन्द्र में टॉवर के सहयोग से टिकी हुयी है। निर्माण के दौरान इसके फ्लोर को अलग से एसेंबल किया गया था, एसेंबल करने के बाद उसे ऊंचा किया गया। इस टॉवर की व्यास 52.30 मीटर है। पूरी बिल्डिंग में 22 फ्लोर, 2 बेसमेंट और 18 ऑफिस स्पेस हैं। इस कार्य को संपादित करने में काफी खर्चा आया। समर ओलंपिक के समय बीएमडब्ल्यू ब्रांडिग के दौरान इमारतों से अवांछनीय उत्पाद प्लेसमेंट को रोकने के लिए निकाल दिया गया था। सबसे दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2002 में कंपनी को बाज़ार में अपनी धाक जमाने के लिए सिडान से हट जाना पड़ा था ।
वर्ष 1975 में फिल्म रॉलरबॉल के छोटे से भाग में इस प्रसिद्ध बिल्डिंग को एक भव्य रूप में दिखाया गया था, जो बड़े नारंगी रंग के वृत्ताकार रूप में था, आज इसी भव्यता को भविष्य की निधि मानकर काम करने की योजना भी है। बीएमडब्ल्यू का प्रसिद्ध संग्रहालय इस टॉवर के ठीक दांयी तरफ है और उसके ठीक किनारे में कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर है, जिसे 17 अक्टूबर, 2007 को खोल दिया गया। यह स्थान रोड के ऑपोजिट है। इस प्रसिद्ध बिल्डिंग की फ्लोर एरिया 72,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस बिल्डिंग को वर्ष 2004 से लेकर 2006 तक नवीनीकरण किया गया, जिसने इसकी खूबसूरती को और निखार दिया है।
मुकेश कुमार झा

Kizhi आइलैंड पर खूबसूरत चर्च

प्रकृति की गोद में बसा Kizhi आइलैंड अत्यंत ही मनोरम और रमणीय स्थान है। यह रूस के रिपब्लिक ऑफ करेलिया ( Republic of करेलिया) में है। यह आइलैंड अपने अंदर प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ यहां के प्रसिद्ध निर्माणों की कहानी एक अनोखे अंदाज़ में बयां करता है। खासकर, यहां का चर्च और संग्रहालय पूर्ण रूपेण लकड़ी से बने होने के कारण पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। इन निर्माणों का वास्तु सर्वोच्च स्तर की है।

यह दुनिया भी कम अजूबों से भरी हुयी है। खासकर, निर्माण की दुनिया बहुत अनोखी होती है। दुनिया भर में कुछ निर्माण इस रूप में बनाए गए हैं कि आप देखकर आश्चर्यचकित हुये बिना नहीं रहेंगे। इनकी सुन्दरता में मानव निर्मित पदार्थ और प्रकृत प्रदत पदार्थ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। मानव मस्तिष्क की कल्पना इस निर्माण को अनोखा ही नहीं, बेहतरीन बना देती है, जिसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। कुछ ऐसा ही करिश्मों में से एक रूस में स्थित Kizhi आइलैंड पर स्थित चर्च है। यह चर्च लेक ओनिगा के पास स्थित है, जो रूस के रिपब्लिक ऑफ करेलिया में है। यह Medvezhyegorsky  शहर की शान है। दुनिया भर के पर्यटकों के लिए यह स्थान अत्यंत रमणीय और दर्शनीय है। यह चर्च पूर्ण लकड़ी से बना हुआ है। इसकी भव्यता और रमणीयता को देखकर यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में वर्ष 1990 में इसे शामिल किया है।

यह चर्च अपने आप में अतुलनीय है। इसकी संरचना और सुंदरता दोनों ही बेमिसाल है, ऐसा भला हो भी क्यों नहीं, क्योंकि इस पूरे चर्च का निर्माण सिर्फ और  सिर्फ सुन्दर लकडिय़ों से हुआ है। चर्च का निर्माण करीब 1714 ई. के आस-पास हुआ है। इसमें 22 गुंबद हैं, जो लकड़ी के बनी हुयी है। इसका अलंकारिक रूप देखते ही बनता है। धार्मिक चित्रों से सजा यह गुंबद भक्ति-भाव से ओत-प्रोत कर देने के लिए काफी है। यहां पर बने सोने के पत्ते आकर्षित होने के साथ-साथ कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। चर्र्च का 300 वां वार्षिक महोत्सव जो वर्ष 2014 ई. में होगा, उसको लेकर यहां विशेष तैयारी चल रही है। इस तैयारी को लेकर चर्च के कई भागों को नया रूप भी दिया जा रहा है। इस कार्य को इस वार्षिक समारोह से पहले कर लेने की उम्मीद है। यहां पर लकड़ी से बना हुआ दुनिया का सबसे बड़ा चर्च भी है, जो करीब 37 मीटर लंबा है। यहां पर सबसे छोटा चर्च भी है, जो विंटर चर्च के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें 9 गुंबद हैं। इसका निर्माण 1764 ई. में किया गया। यह चर्च भी लकड़ी से बना हुआ है , जो चर्च की दुनिया को एक अनोखा और सुंदर स्थान दिलाता है।

यहां का प्रसिद्ध निर्माण बेल टॉवर काफी आकर्षित करने वाला है। इसका निर्माण 1874 ई. में किया गया। बेल टॉवर की दीवार को लकड़ी के तख्ते से बनाया गया है। इस तख्ते को पूरे दीवारों से क्षैतिज रूप में लगाया गया है। बेल टॉवर के बाहरी भागों को वुडेन प्लांक से बनाया गया है लेकिन इसका वास्तु इतना अनुपम है कि यह वुडेन प्लांक दिखाई नहीं देता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह संरचना बिना किसी कील और बिना किसी धातु के टिकी हुयी है। पूरा का पूरा निर्माण लकड़ी के तख्तों से एक दूसरे से इंटर लॉकिंग सिस्टम के सहारे बना है, जो प्रत्येक सिरे पर एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है । इसकी दीवार को देवदाड़ के लकड़ी से बनाया गया है, जो 18 वीं शताब्दी में कई स्थानों से लाया गया था। यह बेल टॉवर अष्टकोणिय है। संग्रहालय को लकड़ी के द्वारा सोवियत संघ के सरकार द्वारा 1960 ई. में बनाया गया था। यहां पर जितना भी निर्माण लकड़ी के द्वारा किया गया है, ये लकड़ी रिपब्लिक ऑफ करेलिया के विभिन्न स्थानों से लाया गया था। 14 वीं शताब्दी में बना में यहां का सबसे पुराना चर्च St. Lazarus  है, जो पूर्णरूपेण लकड़ी का बना हुआ है और इसका वास्तुकला अपने आप में आकर्षित करने के साथ-साथ अनुपम भी है। इस अतुलनीय वास्तु का उदाहरण में Kondopoga और Kem जैसे निर्माण में भी देखे जा सकते हैं। धन्य है, वह कलाकार जिसने लकड़ी के सहयोग से इतना सुन्दर और अनोखा निर्माण किया है।
भौगोलिक स्थिति


यह चर्च जिस आइलैंड पर स्थित है, वह 7 किमी. लंबा और 0.5 किमी. चौड़ा है। करीब पांच हज़ार छोटे-छोटे आइलैंड से यह घिरा हुआ है। कुछ आइलैंड तो छोटे-छोटे चट्टïानों जैसे हैं, इसमें जो सबसे बड़ा आइलैंड है, वह करीब 35 किमी. लंबा है। इस छोटे-छोटे आइलैंड को यहां के स्थानीय लोग स्केरिज़ के नाम से पुकारते हैं।
कैसे पहुंचे

इस प्रसिद्ध चर्च के पास पहुंचने के लिए पेट्रोजावोडस्क से लेक ओनिगा तक गर्मी के दिनों में हाइड्रोफ्वाइल ( एक प्रकार के जहाज) की सहायता ली जा सकती है। यह सुविधा प्रत्येक दिन उपलब्ध है। जाड़े के दिनों में इस रमणीय स्थान पर पहुंचने के लिए क्रूज शिप आपकी सेवा में उपलब्ध रहता है। रूस में यह स्थान कीजही पोगोस्ट के नाम से मशहूर है।                                             
   खासियत

यहां का पूरा क्षेत्र बाड़ से घिरा हुआ है। पोगोस्ट के अंदर 2 बड़े चर्च हैं और एक बेल टॉवर भी है। इस आइलैंड पर संग्रहालय, इतिहास के कई  महत्वपूर्ण धरोहर, लकड़ी से बने कई सुंदर निर्माण भी आकर्षण के केंद्र में है। खासकर, यहां स्थित विंडमिल्स, चैपल्स, बोट, फीश हाउस, सौनास, बार्नस एंड ग्रेनेरिज़ और सुंदर घर किसी का भी मन मोह सकते हैं। आइलैंड पर दो छोटे गांव भी बसे हुये हैं। इस गांव में स्थानीय मछुआरे रहते हैं। यहां पर संग्रहालय में  तैनात स्टॉफ भी रहते हैं।
मुकेश कुमार झा

शनिवार, 3 अक्टूबर 2009

ऑरंगगऊटन अस्पताल



दुनिया में एक से बढ़कर एक स्थान है। इन स्थानों की अपनी एक अलग ही पहचान और खासियत होती है। इन खासियतों के कारण यह चर्चा के विषय बन जाते हैं। जी, हां हम बात कर रहे हैं मलेशिया स्थित ऑरंगगऊटन अस्पताल की। यह अनोखा अस्पताल देश-विदेश के मीडिया जगत की सुर्खियों में बना रहता है। यहां पर वन्यप्राणी ऑरंगगऊटन का ईलाज किया जाता है। यह पशु यहां के नज़दीक के जंगलों में पाए जाते हैं। इस स्थान को ऑरंगगऊटन आइलैंड भी कहा जाता है। यह जंगल मलेशिया के हृदयस्थली में स्थित है।

यह स्थान पर्यटकों के खास पसंदीदा स्थान बुकिट मेराह लेक टाउन रिजॉर्ट के नाम से विख्यात है। यह अस्पताल ऑरंगगऊटन के बच्चों के ईलाज के लिए प्रसिद्ध बन चुका है। यहां पर बिछड़े, परितक्त और घायल औरंगउटन लाए जाते हैं और इनकी देख-भाल की जाती है। इस परिवार के सदस्यों को यहां समुचित चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। यहां पर ईलाज के लिए 23 यूनिट्स लगायी गयी है।

ऑरंगगऊटन के बच्चों की शारीरिक जांच-पड़ताल करने के लिए सभी तरह की मेडीकल सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं।पशु चिकित्सक डॉ.साबापथी धार्मालिंगम का कहना है कि यह सारी सुविधाएं ऑरंगगऊटन जाति को सुरक्षित और फिट रखने के लिए है ताकि वह ज्यादा दिनों तक सुरक्षित और जीवित रह सकें।

इस वन्य प्राणी को बोरनियो के पास इसलिए ये सुविधाएं दी गई है क्योंकि यह स्थान महफूज होने के साथ-साथ उनके आवास स्थान से दूर भी नहीं है। इस साल अप्रैल महीने में यहां पर एक औरंगउटन के बच्चे को लाया गया था। यह बच्चा अपनी मां के द्वारा परितक्त था और उसकी मां उस पर काफी गुस्से में थीं। उसके बाद चिकित्सक दल को जून महीने में ऑरंगगऊटन का एक बच्चा मिला जो करीब 2 पाउंड और 6 औंस का था। पहले तो यह बच्चा औसत वज़न से कम था, ऊपर से श्वास संबन्धि गड़बडिय़ां भी थी।

चिकित्सक दल को इस जून जूनियर को बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उसके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए इसे इन्क्यूबेटर पर रखा गया। इस अनोखे अस्पताल के कर्मचारियों पर करीब तीस हज़ार पाउंड खर्चा आता है। इस रकम को यहां स्थित वाइल्ड लाइफ पार्क के दर्शकों के एंट्री फी से प्राप्त किया जाता है। डॉ. साबापथी आगे कहते हैं कि यहां पर ज्यादातर बच्चे जो करीब एक वर्ष के होते हैं, उन्हें इंटेनसीव केयर यूनिट (सघन चिकित्सकीय देख-रेख ईकाई) में रखा जाता है, उसके बाद इन बच्चों को इन्फेंट डेवलपमेंट यूनिट में चिकित्सकीय सुविधाएं दी जाती हैं। ये सारी सुविधाएं उन्हें इसलिए प्रदान की जाती है ताकि उनकी घटती संख्या को बढ़ायी सके क्योंकि मानवीय क्रियाविधि के बढ़ते प्रभाव के कारण उनकी संख्या दिन-प्रति-दिन घटती जा रही है। इन प्राणियों को बेहतर तरीके से चिकित्सकीय सुविधाएं मिले,इसके लिए इस अस्पताल के सभी कर्मचारी अपनी बेहतर सेवा दे रहे हैं।
मुकेश कुमार झा

अनोखा घर

मुकेश के झा 
  अनोखा घर




ईरान की दुल्हन के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान पर स्थित अनोखा घर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह स्थान सुषुप्त ज्वालामुखी पर्वत पर बसा हुआ है। ईरान के प्रसिद्ध शहर ताबरिज़ के दक्षिण में यह स्थित है। यहां पर करीब 17 पर्वत चोटियों हैं जो करीब 3000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर हैं। इस पवर्त श्रृखंला प्रकृति की गोद में लिपटी हुई नज़र आती है। यहां पर तरह-तरह के पेड़-पौधे और जीव-जंतु पाए जाते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ही इसे ईरान की दुल्हन कहते हैं।



मध्य-पूर्व में स्थित ईरान की सभ्यता और संस्कृति बहुत प्राचीन और गौरवपूर्ण है। प्राचीन समय में इसे पर्सिया के नाम से पुकारा जाता था। यहां के रहन-सहन के तौर -तरीके विश्व के हर सभ्यता के लोगों को प्रभावित किया है। मध्य-पूर्व एशिया की राजनीति में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। मध्य काल से लेकर आधुनिक काल तक इस देश ने कई झंझावतों को झेला है। खासकर, मध्य कालीन पर्सिया में चीनी अक्रांता चंगेज खां ने जमकर उत्पात मचाया था। उसने करीब यहां की आधी आबादी को अपने पैरों तले रौंद डाला था। यह घटना करीब 12वीं और 13 वीं शताब्दी के मध्य का है। उस समय विश्व के अधिकांश देशों में विदेशी आक्रांता हमला करते रहते थे। इन हमलों से बचाव के लिए तरह-तरह के उपाय करने पड़ते थे। इस उपाय का एक रूप आप यहां इन चित्रों के सहारे देख रहे हैं। जो चित्र यहां दिखाया जा रहा है, वह ईरान में  बने पुराने घरों का है। यह घर के बारे में अनुमान है कि यह 700 वर्ष  से भी पुराना है।



यह घर भले ही देखने में थोड़ा-बहुत अजीब तो लगता है लेकिन यह ईरान की गौरवशाली सभ्यता और संस्कृति की प्रतीक माना जाता है। यह ईरान के उत्तर-पूर्व में माउंट सहंद (Mount Sahand )के पास स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थान कांदोवन (Kandovan) गांव के नाम से विख्यात है। इसे यहां के ज्वालामुखी चट्टान  को काटकर इस रूप में ढाला गया है। यह घर देखने में जरा हटकर लगता है। इस स्थान से अजैरबेजान की सीमा सटती है, इसी कारण इस स्थान को अज़ारबैजान( Azarbayjan) भी कहा जाता है। यहां पर कुछ घर दो मंजिले हैं तो कुछ चार मंजिल तक के हैं।



प्राय: यहां पर ग्राउंड फ्लोर का इस्तेमाल माल-मवेशियों को पालने में किया जाता है और सेकेंड फ्लोर का प्रयोग रहने में होता है। इन अनोखे घरों का टॉप फ्लोर का प्रयोग स्टोर रूम के रूप में किया जाता है। ज्यादातर घरों का मुख दक्षिण की ओर है, ताकि घर में रहने वालों को दिन-भर रौशनी मिलती रहे। इस घरों में लगी खिड़कियां ग्लास की है, जो काफी आकर्षक और सुंदर है। इन घरों में हवा आने की ऐसी व्यवस्था की गई है, जो घरों को ठंड में गर्म और गर्म में ठंड रखे। कुल मिलाकर प्र्राकृतिक एसी का मजा आप इन घरों में ले सकते हैं।




वर्तमान में यह घर आधुनिकता के रंग में रंग चुका है। सारी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ यह घर मॉडर्न घरों की दुनिया को नये सिरे से परिभाषित कर रहा है। यहां के घरों को बिजली और पानी की सुविधाओं के साथ अन्य सुविधाएं भी मिलने लगी है। मान्यता है कि सहंद में पाए जाने वाले पानी पीने से किडनी की बीमारी दूर हो जाती है। इसलिए ज्यादातर पर्यटक इन बातों का विश्वास करके यहां आते हैं। यहां पर उपलब्ध पानी खेती-बाड़ी और पशु पालन में काम आता है। यह स्थान ईरान के सबसे ऊंची पर्वत श्रृखंला के अन्तर्गत आता है। इस पर्वत श्रृंखला के उत्तर में विंटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण किया गया है। इस स्र्पोट्स कॉम्प्लेक्स को सहंद स्कीइंग स्टेडियम (Sahand Skiing Stadium) भी कहा जाता है। यहां पर आने वाले विजिटर्स के लिए तरह-तरह के खेल की सुविधा प्रदान की गई है। जिसमें मुख्य रूप से स्काईंग और स्नोर्बोडिंग है। यहां पर प्रत्येक साल मीड विंटर में स्नो स्टेच्यू प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस प्रतियोगिता में देश भर के प्रसिद्ध कलाकार भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता को देखने देश और विदेश भर के पर्यटक आते हैं।



यहां पर रॉकी नामक प्रसिद्ध होटल भी आकर्षण के केंद्र में है। यह होटल गांव के हृदयस्थली में स्थित है। पांच सितारा होटल काफी प्रसिद्ध है। ईरान में यह अपने आप में पहला ऐसा होटल है, उसके बाद विश्व में तुर्की के बाद दूसरा ऐसा होटल है, जो सारी सुविधाओं से लैस है।



युद्ध की स्थिति में इस स्थान का काफी महत्व हो जाता था। ज्यादातर लोग अपनी जान और माल की रक्षा के लिए इस स्थान पर आश्रय लेते थे। समय के साथ सब कुछ बदल रहा हो तो भला यह प्रसिद्ध स्थान इस मॉडर्र्न युग के प्रभाव से कब तक सकता था। यहां पर भी अब मॉडर्न दुनिया का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। अब ये घर हाउसिंग कॉम्प्लैक्स का रूप ले चुका है। यहां पर किचिन रूम, लीविंग रूम, डायनिंग रूम और शानदार फर्श से सजा हुआ, आधुनिकता के रंग में रंगा हुआ नज़र आता है। कुछ घरों में गांव वालों ने रंग-बिरंगे ग्लास की खिड़कियां भी लगा चुके हैं जो देखने में काफी मनोहारी प्रतित होती  है।



यह स्थान ईरान के दो प्रसिद्ध शहर ओस्कु और तारबिज़ के नज़दीक ही स्थित है। यहां पर जाने के लिए आपको कार या बस का सहारा लेना होगा। इस स्थान को आप दूर से ही बड़ी आसानी से पहचान सकते हैं क्योंकि इसका भू-आकृति बताता है कि यहां पर कुछ खास है, जो आकर्षित करता है। यह अनोखा गांव चारों तरफ से हरियाली के आगोश में है। यह सदाबाहर स्थान अल्पाइन के पेड़ों से एक अलग ही दुनिया बसा ली है। यहां के घर का रूप-रेखा और साज-सज्जा को देखकर आप सहसा चौंक भी सकते हैं, क्योंकि घरों की बनाबट इतनी विचित्र लगती है कि आप को लगेगा कि यह स्थान रहस्मयी दुनिया से तो कहीं तालुक्कात नहीं रखता है। घरों का रूप ज्यामीतिय गणित के अनुसार कई रूपों और एंगल में दिखाई देता है। यह सब इतना अलग है कि आप ऊपरी तौर पर जब इन घरों को देखें तो पता ही नहीं चलता है कि इन घरों के अंदर भी एक अलग दुनिया हो सकती है। कुछ घरों का रूप होटल में तब्दिल हो चुका है, तो कुछ घर शॉपिंग के लिए खास बन गया है। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी और पशुपालन है। यहां पर भेंड़ों का पालन मुख्य रूप से किया जाता है। लेकिन अब यह विश्व के प्रमुख पर्यटक स्थल में आने के कारण यहां पर आने वाले टूरिस्टों से यहां के निवासियों को अच्छी आमदनी हो जाती है। इन अजीब घरों से इनकी आमदनी दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है। दुनिया भर के पर्यटक यहां आकर प्रकृति के इस नायाब तोहफे को देखकर आत्मविभोर से हो जाते हैं।



यहां पर 5 स्टार होटल को एक घर से दूसरे घर से जोड़कर और पत्थरों के सहयोग से काफी मज़बूत और उम्दा बनाया गया है। यहां आने वाले आगुन्तकों की स्वागत में यह होटल मेजबानी में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह होटल के पास ही कई कैफटेरिया हाउस भी है, जहां पर आप गरमा-गरम कॉफी और स्वादिष्ट ज़ाम-ज़ाम जूस का आनंद ले सकते है। बगल में बहने वाली नदी और गुलाबों से सुसज्जित गार्डन यहां का माहौल इतना खुशनुमा कर देता है कि आप का मन यहां रम जाएगा। प्रकृति के इस उपहार के नयनाभिराम दृश्य ऐसे मन-मस्तिष्क ऐसे बनते हैं कि आप वर्षों तक इस स्थान को याद रखेंगे और साथ में खीचें गए सुन्दर फोटोग्राफी को यादों के झरोखों में सहेज कर रख सकते हैं। तो देर किस बात की, आप भी इस स्वपन सरीखें दुनिया से रूबरू हो आइए।


यहां का ज्वालामुखी सुषुप्त अवस्था में है। ईरान के प्रसिद्ध शहर ताबरिज़ के  दक्षिण में यह स्थित है। इस पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी का नाम कमाल है, जो करीब 3,707 किमी. की ऊंचाई पर है। यहां पर करीब 17 पर्वत चोटियों हैं जो करीब 3000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर है। इस पवर्त श्रृखंला प्रकृति की गोद में लिपटी हुई नज़र आती है। यहां पर तरह-तरह के पेड़-पौधे और जीव-जंतु पाए जाते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ही इसे ईरान की दुल्हन कहते हैं।


इन स्थानों पर जो घरों का निर्माण किया गया है, वह मंगोल के आक्रमण के प्रभाव से बचने की तैयारी थी। इस विस्तृत ज्वालामुखी पवर्त को गुप्त रूप से काटकर यहां पर घरों का निर्माण किया गया। यह स्थान विदेशी आक्रांताओं के दुष्प्रभाव से बचने के लिए काफी सुरक्षित माना जाता था। ऊपरी तौर पर देखने पर लगता ही नहीं था कि यहां पर लोग रह भी सकते हैं।