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Poly House

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Lotus Temple Delhi

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सोमवार, 12 अक्टूबर 2009

म्यूनिख की शान- बीएमडब्ल्यू हेडक्वार्टर



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ग्लैमर और मज़बूती की अनोखी मिसाल बीएमडब्ल्यू का हेडक्वार्टर जर्मनी के प्रमुख शहर म्यूनिख की शान है। यहां पर हुए समर ओलंपिक जो वर्ष 1972 में आयोजित की गये थे, उस समय यह निर्माण अपनी बुलंदियों के चरम पर पहुंच चुका था। वर्तमान में इस हेडक्वार्टर के रूपों में कई प्रकार के परिवर्तन करने के बाद भी लोगों के आकर्षण के केन्द्र बना हुआ है।
जर्मनी के सबसे प्रसिद्ध शहर म्यूनिख पूरी दुनिया में अपनी विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध है। इसी विशेषताओं की फेहरिस्त में शुमार है- यहां स्थित रफ्तार के सौदागर बीएमडब्ल्यू का हेडक्वार्टर। इस का हेडक्वार्टर आर्किटेक्ट बरबस किसी को भी आकर्षित करती है। इसका डिज़ायन अपने आप अनोखा है। इसका निर्माण कार्य 1968 शुरु किया गया और उसे वर्ष 1972 तक पूरा कर लिया गया। यहां आयोजित समर ओलंपिक (1972)के समय इस शहर की यह निर्माण शान बन चुका था। इसका उद्घाटन 18 मई, 1973 को हुआ। यह प्रसिद्ध बिल्डिंग 101 मीटर ऊंची है । इसे ओलंपिक विलेज़ के सामने बनाया गया था। यह म्यूनिख की शान के रूप में अपनी प्रसिद्धी की चरम पर ओलंपिक के समय ही पहुंच चुकी थी।
इस बिल्डिंग की आकृति रेस कार की टायर के आकार से काफी मिलती-जुलती है। इसका गैरेज के स्वरूप में बेलनाकार शीर्ष आकर्षण का केन्द्र है। इसके निर्माण में प्रसिद्ध आस्ट्रेलियन वास्तुकार कार्ल स्वानजर ने अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग किया है। इसका मैन टावर चार बेलनाकार आकृति पर टिका हुआ  है, जो एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं। प्रत्येक बेलनाकार आकृति क्षैतिज रूप से मुख्यद्वार के सांचे के केन्द्र में रखकर बांटा गया है। ध्यान देने वाली बात है कि प्रत्येक बेलनाकार आकृति ग्राउंड लेवल से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि केन्द्र में टॉवर के सहयोग से टिकी हुयी है। निर्माण के दौरान इसके फ्लोर को अलग से एसेंबल किया गया था, एसेंबल करने के बाद उसे ऊंचा किया गया। इस टॉवर की व्यास 52.30 मीटर है। पूरी बिल्डिंग में 22 फ्लोर, 2 बेसमेंट और 18 ऑफिस स्पेस हैं। इस कार्य को संपादित करने में काफी खर्चा आया। समर ओलंपिक के समय बीएमडब्ल्यू ब्रांडिग के दौरान इमारतों से अवांछनीय उत्पाद प्लेसमेंट को रोकने के लिए निकाल दिया गया था। सबसे दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2002 में कंपनी को बाज़ार में अपनी धाक जमाने के लिए सिडान से हट जाना पड़ा था ।
वर्ष 1975 में फिल्म रॉलरबॉल के छोटे से भाग में इस प्रसिद्ध बिल्डिंग को एक भव्य रूप में दिखाया गया था, जो बड़े नारंगी रंग के वृत्ताकार रूप में था, आज इसी भव्यता को भविष्य की निधि मानकर काम करने की योजना भी है। बीएमडब्ल्यू का प्रसिद्ध संग्रहालय इस टॉवर के ठीक दांयी तरफ है और उसके ठीक किनारे में कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर है, जिसे 17 अक्टूबर, 2007 को खोल दिया गया। यह स्थान रोड के ऑपोजिट है। इस प्रसिद्ध बिल्डिंग की फ्लोर एरिया 72,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस बिल्डिंग को वर्ष 2004 से लेकर 2006 तक नवीनीकरण किया गया, जिसने इसकी खूबसूरती को और निखार दिया है।
मुकेश कुमार झा

Kizhi आइलैंड पर खूबसूरत चर्च

प्रकृति की गोद में बसा Kizhi आइलैंड अत्यंत ही मनोरम और रमणीय स्थान है। यह रूस के रिपब्लिक ऑफ करेलिया ( Republic of करेलिया) में है। यह आइलैंड अपने अंदर प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ यहां के प्रसिद्ध निर्माणों की कहानी एक अनोखे अंदाज़ में बयां करता है। खासकर, यहां का चर्च और संग्रहालय पूर्ण रूपेण लकड़ी से बने होने के कारण पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं। इन निर्माणों का वास्तु सर्वोच्च स्तर की है।

यह दुनिया भी कम अजूबों से भरी हुयी है। खासकर, निर्माण की दुनिया बहुत अनोखी होती है। दुनिया भर में कुछ निर्माण इस रूप में बनाए गए हैं कि आप देखकर आश्चर्यचकित हुये बिना नहीं रहेंगे। इनकी सुन्दरता में मानव निर्मित पदार्थ और प्रकृत प्रदत पदार्थ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। मानव मस्तिष्क की कल्पना इस निर्माण को अनोखा ही नहीं, बेहतरीन बना देती है, जिसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। कुछ ऐसा ही करिश्मों में से एक रूस में स्थित Kizhi आइलैंड पर स्थित चर्च है। यह चर्च लेक ओनिगा के पास स्थित है, जो रूस के रिपब्लिक ऑफ करेलिया में है। यह Medvezhyegorsky  शहर की शान है। दुनिया भर के पर्यटकों के लिए यह स्थान अत्यंत रमणीय और दर्शनीय है। यह चर्च पूर्ण लकड़ी से बना हुआ है। इसकी भव्यता और रमणीयता को देखकर यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में वर्ष 1990 में इसे शामिल किया है।

यह चर्च अपने आप में अतुलनीय है। इसकी संरचना और सुंदरता दोनों ही बेमिसाल है, ऐसा भला हो भी क्यों नहीं, क्योंकि इस पूरे चर्च का निर्माण सिर्फ और  सिर्फ सुन्दर लकडिय़ों से हुआ है। चर्च का निर्माण करीब 1714 ई. के आस-पास हुआ है। इसमें 22 गुंबद हैं, जो लकड़ी के बनी हुयी है। इसका अलंकारिक रूप देखते ही बनता है। धार्मिक चित्रों से सजा यह गुंबद भक्ति-भाव से ओत-प्रोत कर देने के लिए काफी है। यहां पर बने सोने के पत्ते आकर्षित होने के साथ-साथ कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। चर्र्च का 300 वां वार्षिक महोत्सव जो वर्ष 2014 ई. में होगा, उसको लेकर यहां विशेष तैयारी चल रही है। इस तैयारी को लेकर चर्च के कई भागों को नया रूप भी दिया जा रहा है। इस कार्य को इस वार्षिक समारोह से पहले कर लेने की उम्मीद है। यहां पर लकड़ी से बना हुआ दुनिया का सबसे बड़ा चर्च भी है, जो करीब 37 मीटर लंबा है। यहां पर सबसे छोटा चर्च भी है, जो विंटर चर्च के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें 9 गुंबद हैं। इसका निर्माण 1764 ई. में किया गया। यह चर्च भी लकड़ी से बना हुआ है , जो चर्च की दुनिया को एक अनोखा और सुंदर स्थान दिलाता है।

यहां का प्रसिद्ध निर्माण बेल टॉवर काफी आकर्षित करने वाला है। इसका निर्माण 1874 ई. में किया गया। बेल टॉवर की दीवार को लकड़ी के तख्ते से बनाया गया है। इस तख्ते को पूरे दीवारों से क्षैतिज रूप में लगाया गया है। बेल टॉवर के बाहरी भागों को वुडेन प्लांक से बनाया गया है लेकिन इसका वास्तु इतना अनुपम है कि यह वुडेन प्लांक दिखाई नहीं देता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह संरचना बिना किसी कील और बिना किसी धातु के टिकी हुयी है। पूरा का पूरा निर्माण लकड़ी के तख्तों से एक दूसरे से इंटर लॉकिंग सिस्टम के सहारे बना है, जो प्रत्येक सिरे पर एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है । इसकी दीवार को देवदाड़ के लकड़ी से बनाया गया है, जो 18 वीं शताब्दी में कई स्थानों से लाया गया था। यह बेल टॉवर अष्टकोणिय है। संग्रहालय को लकड़ी के द्वारा सोवियत संघ के सरकार द्वारा 1960 ई. में बनाया गया था। यहां पर जितना भी निर्माण लकड़ी के द्वारा किया गया है, ये लकड़ी रिपब्लिक ऑफ करेलिया के विभिन्न स्थानों से लाया गया था। 14 वीं शताब्दी में बना में यहां का सबसे पुराना चर्च St. Lazarus  है, जो पूर्णरूपेण लकड़ी का बना हुआ है और इसका वास्तुकला अपने आप में आकर्षित करने के साथ-साथ अनुपम भी है। इस अतुलनीय वास्तु का उदाहरण में Kondopoga और Kem जैसे निर्माण में भी देखे जा सकते हैं। धन्य है, वह कलाकार जिसने लकड़ी के सहयोग से इतना सुन्दर और अनोखा निर्माण किया है।
भौगोलिक स्थिति


यह चर्च जिस आइलैंड पर स्थित है, वह 7 किमी. लंबा और 0.5 किमी. चौड़ा है। करीब पांच हज़ार छोटे-छोटे आइलैंड से यह घिरा हुआ है। कुछ आइलैंड तो छोटे-छोटे चट्टïानों जैसे हैं, इसमें जो सबसे बड़ा आइलैंड है, वह करीब 35 किमी. लंबा है। इस छोटे-छोटे आइलैंड को यहां के स्थानीय लोग स्केरिज़ के नाम से पुकारते हैं।
कैसे पहुंचे

इस प्रसिद्ध चर्च के पास पहुंचने के लिए पेट्रोजावोडस्क से लेक ओनिगा तक गर्मी के दिनों में हाइड्रोफ्वाइल ( एक प्रकार के जहाज) की सहायता ली जा सकती है। यह सुविधा प्रत्येक दिन उपलब्ध है। जाड़े के दिनों में इस रमणीय स्थान पर पहुंचने के लिए क्रूज शिप आपकी सेवा में उपलब्ध रहता है। रूस में यह स्थान कीजही पोगोस्ट के नाम से मशहूर है।                                             
   खासियत

यहां का पूरा क्षेत्र बाड़ से घिरा हुआ है। पोगोस्ट के अंदर 2 बड़े चर्च हैं और एक बेल टॉवर भी है। इस आइलैंड पर संग्रहालय, इतिहास के कई  महत्वपूर्ण धरोहर, लकड़ी से बने कई सुंदर निर्माण भी आकर्षण के केंद्र में है। खासकर, यहां स्थित विंडमिल्स, चैपल्स, बोट, फीश हाउस, सौनास, बार्नस एंड ग्रेनेरिज़ और सुंदर घर किसी का भी मन मोह सकते हैं। आइलैंड पर दो छोटे गांव भी बसे हुये हैं। इस गांव में स्थानीय मछुआरे रहते हैं। यहां पर संग्रहालय में  तैनात स्टॉफ भी रहते हैं।
मुकेश कुमार झा