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House Boat

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Poly House

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Lotus Temple Delhi

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Enjoy holiday on Ship

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शनिवार, 13 दिसंबर 2014

आम से खास

मुकेश कुमार झा
मेरे पास एक धांसू आइडिया है। चाहे तो सरकार या फिल्म वाले इस पर गौर फरमा सकते हैं। फिल्म का नाम-महंगाई- डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ---नायक और खलनायक के बारे में फिल्म बनाने वाले मुझसे बेहतर सोच सकते हैं। फिल्म का कुछ दृश्य का फिल्माकंन यों हो सकता है। नायक दिन भर भूखा है। पैसे तो हैं लेकिन इतना नहीं है कि वह खा सकता है। लेकिन वह फिल्म का नायक है इसलिये जनता की प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। एक और दो दिन के बाद नायक के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है। जुबान लरखड़ाने लगी है। लेकिन तेबर कम नहीं है। जो नायिका पहले उसे प्यार से देखती थी, आज उसके सूखे बाल और सूखे गाल को देखकर कन्नी काटने के मुड में है। नायिका कुछ देर के लिये ख्याबों की दुनिया में जाकर पुराने दिनों को याद कर रही है।
इसी याद के दरम्यान डायरेक्टर अतीत और वर्तमान की महंगाई की तुलना फिल्म में दृश्य के सहारे कर सकते हैं। नायक की बढ़ती भूख और बेबसी ने उसे बगावत पर ला खड़ा किया है। बगाबत से फिल्म में जान आ सकती है। हाफ टाइम से कुछ पहले प्रमुख खाद्ध पदार्थ के वर्तमान और अतीत के मूल्य को दिखाकर, जनता से  ओपिनियन  ली जा सकती है। चाहे तो सरकार की पॉलिसी की बखिया भी जनता उतार सकती है। लाइट, कैमरा और एक्शन के साथ नायक को लाया जा सकता है जो खुद भूखा होकर भूखे लोगों के लिये एक नयी मिसाल कायम कर सकता है। लेकिन बगाबत पर उतरे नायक जब अपनी आवाज़ बुलंद करता है, ठीक उसी समय डायरेक्टर महोदय खलनायक की इंट्री करा सकते हैं। चमाचम गाड़ी से उतरा खलनायक,नायक को हर बॉलीवुड फिल्म की भांति फब्तियां कस रहा है। लेकिन यहां पर ढिशुम-ढिशुम दृश्य के साथ  साउंड न डाला जाय यानि sound को Mute कर दिया जाय तो फिल्म की सेहत के साथ नायक की सेहत के लिये ज्यादा बेहतर होगा। नायक बेबस है, लाचार है और इस मौके पर खून जलाने के लिये डायरेक्टर चाहे तो प्यार को बेवफा साबित करने के लिये नायिका को खलनायक के साथ कार पर घूमते हुये भी देखा सकते हैं।

इस सीन में भावना की प्रवाह महंगाई की प्रवाह भले ही थोड़ी तेज हो लेकिन महंगाई की जय-जय वाली गीत से खलनायक की खलनायिकी में जान डाली जा सकती है। अब में डायरेक्टर को थोड़ी देर के लिये राजनीति की दुनिया में फिल्म को ले जाने की सलाह दूंगा ताकि वह जनता और नायक की भावना का सम्मान कर सकें। कुछ हकीकत को यों दिखाया जाय कि जनता सच्चाई के रूप में महंगाई को स्वीकार करें लेकिन बरगालने का यह मामला थोड़ी पेंचदगी में उलझ सकता है, इसलिये बेहतर यह है कि नायक को भरपूर मौका दिया जाय कि हकीकत को डंक मार कर जनता के सामने लाये। ऐसा करने पर सभी फिल्मों की भांति इस फिल्म के नायक का टीआरपी बढ़ सकती है। नायक की लोकप्रियता में चार-चांद लग चुका है। चुनाव में जनता ने उसे सर आंखों पर बैठा दिया है। उसकी जीत के साथ वह भी अब आम से खास बन चुका है। अब नायिका को अपनी गलती का अहसास हो रहा है। वह अपने प्यार को याद कर रही है। इस सीन के फिल्मांकन यदि नायिका के साथ नायक भी हो तो बेकार गीतों पर भी जनता सिटी बजा सकती है। गीत खत्म होते ही खलनायक को अपनी करनी की सजा को चुनाव के जीत या हार से बेहतर ढंग से पेश किया जा सकता है। जनता का लोकप्रिय हो चला नायक असली रूप में आ गया है। वह अब प्यार और सम्मान पा चुका है। भूल गया है, वह अपनी अतीत को वर्तमान में,जब फिर से कोई नयी बात यानि महंगाई बढ़ेगी तो फिर से एक नायक पैदा हो गया जो नायक की भूमिका में खलनायक भी हो सकता है। जिस प्रकार से क्रमश: महंगाई बढ़ती जा रही है, ठीक उसी प्रकार से फिल्म के कई सिक्वल भी बनाये जा सकते हैं।

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बचाएं पैसा ताकि हर मुश्किल हो आसान

जैसे बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, ठीक उसी प्रकार से एक-एक रूपये की बचत से वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित रहता है। यह बात भी सही है कि आजकल के दौड़ में जहां एक बेहतर जिन्दगी जीना आसान नहीं रह गया है, ऐसी परिस्थिति में पैसा बचत करना थोड़ा मुश्किल भरा कदम हो सकता है लेकिन आप बेहतर प्लानिंग करें तो यह काम भी आसान हो सकता है। अनिश्चितता भरे संसार में आपको सबसे पहले आर्थिक स्थिरता के बारे में उपाय करने ही चाहिए।
मुश्किल भरा दौड़ जि़न्दगी में पूछ कर नहीं आता है। परिस्थिति विपरित होने पर हौसला पस्त होने लगता है। इस हौसला को बरकरार रखने के लिए पैसे की बचत करना काफी महत्वपूर्ण है। इसके मद्देनज़र आप अपने मन में कभी-कभी यह ज़रूर सोचा होगा कि क्या हम अपने मुश्किल दिनों के लिए पैसे बचाए हैं ? अगर कोई आपात स्थिति आए तो मैं इसे कैसे मैनेज करूंगा? घर के डाउन पेमेंट के लिए मेरे पास पैसा है या नहीं? अपने ब'चों की ऊंची शिक्षा के लिए मेरे पास रकम होगी या नहीं? और क्या मेेरे ऊपर कजऱ् है? इस सब सवालों का उत्तर भी आप अपने मन-मस्तिष्क में ज़रूर सोचा होगा। आप निष्कर्ष पर पहुंचे होंगे कि इन सभी सवालों का हल पैसे की बचत में समाहित है। बढ़ती महंगाई के इस जमाने में पैसे की बचत करना भले ही थोड़ा मुश्किल ज़रूर है लेकिन असंभव नहीं। एक बेहतर रणनीति के साथ घर का बजट तैयार करें तो सब कुछ धीरे-धीरे आसान होने लगेगा। इस मामले में आपको पता होना चाहिए कि आपकी गाढी मेहनत की कमाई कहां खर्च हो रही है। और इस दिशा में आपका सबसे पहले कदम होगा एक सेविंग प्लान लेना। यहां पर आप सोच रहे होंगे कि बंधी-बंधाई आमदनी में से आप अपने खर्चे पूरे कर लें, यही बहुत है, ऐसे में बचत कैसे होगी। 
सबसे पहले देखें कि आपको खर्च कहां हो रहा है। हर महीने के खर्च के लिए एक डायरी रखें, कॉफी ब्रेक से लेकर घर के सामान पर खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रखें। आपको हैरानी होगी कि इन्हीं जगहों से आपको सबसे 'यादा पैसा बचाने की जगह मिलेगी। अपना बजट बनाना उतना मुश्किल भी नहीं है जितना आप सोच रहे हैं। खर्चों और व्यय के लिए लक्ष्य बनाकर चलें। जो तय खर्चे हैं जैसे कि घर का किराया, विभिन्न प्रकार के बिल, कार लोन-होम लोन की किश्तें, क्रेडिट कार्ड के बिल उनमें तो कांट-छांट नहीं हो सकती है। हां, लेकिन घर के सामान और कपड़ो के लिए खर्च की सीमा रखें, साथ ही मनोरंजन और यात्राओं के लिए भी तयशुदा सीमा से 'यादा खर्च ना करें। आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता आपात स्थिति के लिए एक फंड बनाकर रखना होनी चाहिए। अगर आपने इसके बारे में नहीं सोचा हो तो सबसे अ'छा विकल्प यही होगा कि आपकी आय में से हर महीने कुछ पैसा इसके लिए कटता रहे और इस पैसे को आप फिक्सड या रिकरिंग डिपॉजिट में रख सकते हैं। महंगाई के इस जमाने में बचत करना इतना आसान नहीं रह गया है। आपकी वेतन वहीं की वहीं है लेकिन जिस चीज़ की कीमत छह महीने पहले 3 रुपये थी, आज वह बढ़कर पांच रूपये तक हो चली है। गौरतलब है कि मार्केट में जिस चीज़ की कीमत एक बार बढ़ जाती है, विरले ही देखने को मिलता है इसकी कीमत घट जाए। खासकर, दैनिक उपभोग में खाने वाली 
चीज़ों के दाम रफ्तार में ही दिखाई देता है। ऐसी स्थिति में आप अपने और अपने बगो के भविव्य को लेकर चिन्तित रहते है। क्योंकि महंगाई के हिसाब से बगाों को सही शिक्षा देना इतना आसान नहीं रह गया है । बेहतर यह है कि आप समय रहते एक बेहतर चाइल्ड प्लान लेकर अपने बगो की भविष्य को सुरक्षित कर लें।

बढ़ती महंगाई को देखकर ज्यादातर लोग परेशान हैं। इसकी रफ्तार को देखकर आमदनी मुसीबत में है। घर का पूरा का पूरा बजट इसके कारण कोमा में चला गया है। कुल मिलाकर आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपये वाली स्थिति हो गई है। इस परिस्थिति में ज्यादातर लोग अपने और अपने बगो की भविष्य को लेकर चिन्तित रहने लगे हैं। खासकर, महंगी शिक्षा, भविष्य को लेकर अस्थिरता और करियर को लेकर बढ़ती चिंता ने तो नींद उड़ा दी है। उन्हें अपने उस मासूम ब'चे के भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है। इस बढ़ती महंगाई के ग्राफ में सही शिक्षा देना इतना आसान नहीं रह गया है। बेहतर शिक्षा दे पाना एक प्रकार से पैरेंट्स के लिए आज एक चुनौती हो गया है। ऐसे में प्लानिंग सबसे कारगर साबित होती है। ब'चे की शिक्षा और भविष्य में होने वाले खर्चों का सामना करने के लिए एक बेहतर चाइल्ड प्लान बेहद उपयोगी होता है। यह प्लान एक निवेश के तरह ही है। जिसमें निवेश करके व्यक्ति भविष्य के लक्ष्यों को हासिल कर सकता है। साथ ही ज़रूरत के समय भी यह निवेश मददगार साबित होता है। एक्सपर्ट के अनुसार एक बेहतर चाइल्ड प्लान में किया गया निवेश उसी तरह बढ़ता है जिस तरह समय के साथ आपके ब'चे भी बड़े होते हैं। चाइल्ड प्लान को लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखें तो वर्तमान के साथ भविष्य भी सुरक्षित हो सकता है। कोई भी चाइल्ड प्लान लेते समय पहले प्रपोजल फॉर्म में दी गई सारी जानकारी अ'छी तरह से पढ़ लें। वहीं साथ ही प्लान लेते समय यह ध्यान रखें कि भविष्य में यदि आप न हों तब ये प्लान ब'चे का सहारा बन सके। प्लान लेते समय इस बात का ध्यान रखें की आप जो प्लान ले रहे हैं वह चाइल्ड प्लान ही है, क्योंकि कई बार चाइल्ड प्लान के नाम पर धोखाधड़ी हो जाती है। इसलिए ज़रूरी है कि प्लान लेते समय यह जांच लें कि जो प्लान आप ले रहे हैं वह चाइल्ड प्लान ही है या कोई दूसरा प्लान जिसे अक्सर चाइल्ड प्लान के नाम पर आपके हाथ में थमा दिया जाता है। इसके बाद एक महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको सही चाइल्ड प्लान को लेने के लिए एक्सपर्ट बताते हैं कि चाइल्ड प्लान एक इंश्योरेंस प्लान है। जो एंडॉवमेंट और यूलिप दोनों की स्वरूपों में उपल्बध है। साथ ही समय समय पर यह आपको रिटर्न भी देता है। प्लान लेते समय यह सुनिश्चित कर लें प्लान की मै'युरिटी पर मिलने वाली राशि आपके ब'चे की ज़रूरतों को पूरा कर पाएंगे या नहीं। 
चाइल्ड प्लान में यह भी देखें की आपके ब'चे की शिाक्षा, 

मुख्य एंडॉवमेंट चाइल्ड प्लान
आईसीआईसी पू्र स्मार्ट किड
एचडीएफसी चिड्रेन्स प्लान
एलआईसी कोमल जीवन
मैक्स न्यूयॉर्क स्टेपिंग स्टोन
बजाज एलियांज चाइल्ड प्लान
एलआईसी जीवन अनुराग

मुख्य यूनिट-लिंक्ड प्लान
मैक्स न्यूयॉर्क शिक्षा प्लस 2
टाटा एआईजी लाइफ यूनाइटेड उ'जवल भविष्य सुप्रीम
एसबीआई लाइफ- स्मार्ट स्कॉलर
बीएसएलआई ड्रीम्स चाइल्ड प्लान
अविवा यंग स्कॉलर
इंडिया फस्र्ट यंग इंडिया प्लान