Hut Near Sea Beach

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सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

समय का चक्र

मुकेश कुमार झा समय का चक्र ऐसा चलता है कि आपके लाख कोशिश करने के बावजूद भी वह नहीं मिल पाता है जो आप चाहते हैं। शायद इस चक्र को ही भाग्य की नियति मान लिया जाता है। यह अवधारणा कर्मवाद के सिद्धांत से काफी अलग होता है, इसलिए तुलसीदास जी ने रामायण में कहा कि ' होई है सोई जो राम रचि राखाÓ।  कहीं न कहीं यह कथन भाग्यवादी होने का सबूत देता है। लेकिन कहते हैं न---यदि हर इंसान को अपनी सोच और समझ के हिसाब से सब कुछ मिल जाय तो फिर दुनिया-दारी का...

शनिवार, 13 दिसंबर 2014

आम से खास

मुकेश कुमार झा मेरे पास एक धांसू आइडिया है। चाहे तो सरकार या फिल्म वाले इस पर गौर फरमा सकते हैं। फिल्म का नाम-महंगाई- डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ---नायक और खलनायक के बारे में फिल्म बनाने वाले मुझसे बेहतर सोच सकते हैं। फिल्म का कुछ दृश्य का फिल्माकंन यों हो सकता है। नायक दिन भर भूखा है। पैसे तो हैं लेकिन इतना नहीं है कि वह खा सकता है। लेकिन वह फिल्म का नायक है इसलिये जनता की प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। एक और दो दिन के बाद नायक के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है। जुबान लरखड़ाने लगी है। लेकिन तेबर कम नहीं है। जो नायिका पहले उसे प्यार से देखती थी, आज उसके...