Hut Near Sea Beach

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House Boat

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Poly House

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Lotus Temple Delhi

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Enjoy holiday on Ship

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बुधवार, 31 मार्च 2010

द फ्लोटिंग मरीना बे

द फ्लोटिंग मरीना बे को मरीना बे फ्लोटिंग प्लेटफोर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग बे है। द फ्लोटिंग मरीना बे सिंगापुर के मरीना  के पास स्थित है। यह पूरी तरह से स्टील से बना हुआ है। द फ्लोट मरीना बे 120 मीटर लंबा और 83 मीटर चौड़ा है। यह सिंगापुर के नेशनल स्टेडियम से 5 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रों में फैला हुआ है। इस अजूबा फ्लोटिंग बे करीब 1,070 टन के वजन सहने की क्षमता है। यानि की, यह 9,000 लोगों के साथ 200 टन के स्टेज के भार को टेक सकता है और 30 टन के मिलिट्री वाहन के भार को भी आसानी से वहन कर सकता है।
 इस फ्लोटिंग स्टेडियम के गैलरी में करीब तीस हज़ार लोगों की बैठने की क्षमता है। वर्ष 2007 से इस फ्लोटिंग स्टेडियम में प्रत्येक साल मेगा इवेंट का आयोजन किया जा रहा है। इवेंट में मुख्य रूप से स्पोर्ट्स, संगीत समारोह, प्रदर्शनी, कला और संस्कृति के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। सिंगापुर के नेशनल डे परेड का आयोजन भी सालाना पांच साल के लिए स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। इसे बनाने में मात्र 13 महीनों का समय लगा है। यहां पर कई महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा चुका है।
कुल मिलाकर यह फ्लोटिंग स्टेडियम पानी की दुनिया के साथ खेल प्रेमियों और दर्शकों को एक नया अंदाज़ में सरोबोर कर रहा है।
मुकेश कुमार झा

मंगलवार, 30 मार्च 2010

ज़ीरा आइलैंड

ज़ीरा आइलैंड प्रकृति प्रदत चीज़ों के सहयोग से बना एक ऐसा आइलैंड है, जहां पर निर्माण की दुनिया को एक नया अंदाज़ मिल रहा है। अजरबैजान की राजधानी बाकू के पास स्थित यह आइलैंड सोलर हिट पैनल, फोटोवोल्टिक सेल, वेस्ट वाटर, रैन वाटर हारवेस्टिंग और पवन ऊर्जा से अपनी ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करेगा। एक मास्टर प्लान के तहत बीग ग्रुप  ((Bjarke Ingels Group) कार्बन न्यूट्रल रिजोर्ट बना रहा है। यह 10 लाख स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 7 रेसीडेंशल हाउस बनाने की भी ग्रुप  ने घोषणा की है।
चीन के प्रसिद्ध दार्शनिक लाओत्से तुंग ने कहा था कि ''प्रकृति की ओर लौटो''/ वर्तमान में यह कथन रियल एस्टेट के लिये एक नया कॉन्सेप्ट बनकर उभरा है। इस कॉन्सेप्ट को देशज ही नहीं विदेशज कंपनी भी हाथों हाथ लिया है। इस कॉन्सेप्ट के जलवे से क्या देशी और क्या विदेशी कंपनी सभी एक रंग रंगी नज़र आ रही है। इसके रंग के प्रभाव का असर कैस्पियन सागर के ज़ीरा आइलैंड में भी दिखने लगा है। यहां पर डेनमार्क के आर्किटेक्ट कंपनी Bjarke Ingels ग्रुप मास्टर प्लान के तहत कार्बन न्यूट्रल रिसोर्ट बनाने की तैयारी कर रही है। इस स्थान पर रेसीडेंशल हाउस बनाने की योजना चल रही है। अजरबैजान की राजधानी बाकू के पास स्थित इस खाड़ी में यह मास्टर प्लान 10 लाख स्क्वेयर मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 7 रेसीडेंशल हाउस भी बनाये जाएंगे। गु्रप का दावा है कि इस प्रोजेक्ट की संरचना अजरबैजान प्रसिद्ध पहाड़ के आकार से काफी मिलती-जुलती होगी। आइलैंड पर सोलर हिट पैनल, फोटोवोल्टिक सेल, वेस्ट वाटर, रैन वाटर हारवेस्टिंग और पवन ऊर्जा से यहां की ऊर्जा की ज़रूरत को पूरा की जाएगी। बीग (BIG)  के अनुसार इसका विकास पूर्णरूपेण बाहरी स्त्रोत पर आधारित होगा। यह प्रोजेक्ट कोपेनहेगन के एक्सपो 'यस इज़ मोर' का ही एक भाग है।
जानकार इसे अजरबैजान को राष्ट्रीय  चिन्ह् के रूप में प्रमाणित होने की बात कह रहे हैं। ज़ीरा आइलैंड अर्ध चन्द्राकार रूप में अजरबैजान के सात पहाड़ की चोटियों को एक खूबसूरत स्वरूप में होगा, जो वास्तुकारों, डिज़ाइनरों और इंजीनियरों के लिये शहरी विकास के लिए एक स्थायी मॉडल बनेगा। यह निर्माण समुद्र तट को एक नया रूप में परिभाषित कर यहां की दुनिया को एक अनोखे अंदाज़ में ढालेगा। यह निर्माण आर्किटेक्ट की दुनिया के लिये मिसाल होगा, बल्कि इकोसिस्टम के थीम पर आधारित होकर यहां की प्रकृति की दुनिया को एक नये सिरे से परिभाषित भी करेगा। ऊर्जा की आवश्यकता को प्रकृति रूप से प्राप्त किया जाना गो -ग्रीन कॉप्सेप्ट के आधार को और भी मज़बूती प्रदान करेगा। यहां के प्रसिद्ध पर्वत के ज्यामितीय आधार पर रेसीडेंशल हाउस को विकास किया जा रहा है, जो उसके सात चोटियों से मिलता है। व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक पर्वत प्राइवेट और पब्लिक गतिविधियों के सिद्धान्त को दर्शाएगा। आइलैंड के प्राकृतिक भूआकृति से पर्वत के आकार-प्रकार से मिलकर एक विहंगम दृश्य बना सकता है। यहां की शहरी आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा आइलैंड के प्राइवेट रिज़ोर्ट से जुड़ जाएगा, जो घाटियों और बीच से घिरी हुयी होगा। इस मास्टर प्लान के अन्तर्गत यहां पर करीब 300 प्राइवेट विलास भी बनाये जाएंगे, जहां से कैस्पियन सागर की मनोरम दुनिया को निहारा जा सकता है। मास्टर प्लान के बारे में रामबोल्लास गु्रप के डायरेक्टर Lars Ostenfeld Riemann का कहना है कि ज़ीरा आइलैंड कॉकेशस पर्वत श्रृंखला और सेंटर एशिया की भविष्य की अर्बन डेवलपमेंट की एक महत्वपूर्ण कड़ी होगा, जो प्राकृतिक ऊर्जा के सहारे अपनी सभी ज़रूरतों को पूरा करेगा। यह एक ऐसी योजना है, जो निर्माण की दुनिया के बारे में एक नयी सोच और दिशा स्थायित्व रूप में प्रदान करेगी। चीन के डॉगटन इको सिटी और आबूधाबी के मासडर इको सिटी के कॉन्सेप्ट को अपनाकर यह प्रोजेक्ट इन लोगों के लिये बेहतर निवास स्थान साबित होगा, जो कार्बन उत्सर्जन के मामले को लेकर काफी संजीदे दिखते हैं। पृथ्वी को हरा-भरा बनाने में इस कॉन्सेप्ट का महत्वपूर्र्ण योगदान हो सकता है, जो अगले दशक तक पृथ्वी के वातावरण को काफी प्रभावित कर सकता है। इस प्रकार की सिटी के निर्माण में इंजीनियरिंग के परिप्रेक्ष्य में देखा जाय तो अजरबैजान के इस द्वीप समूह में इसे बनाना काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, जो यहां के प्रमुख पर्वत की दुनिया से मिलता-जुलता है।
ज़ीरा आइलैंड के इस प्रोजेक्ट की कुछ खास बातें
1. ज़ीरा आइलैंड का उद्देश्य है कि ऊर्जा की ज़रूरत के मामले में आत्मनिर्भर होना। इस आइलैंड में बनने वाला निर्माण ऊर्र्जा की पूरी ज़रूरत के मामले में बाहरी संसाधन से पूरी तरह से स्वतंत्र होगा। ज़ीरा आइलैंड पर ट्रेडीशनल सिस्टम के हिसाब से बिल्डिंग होगी, जो आधुनिक तकनीकी से लैस लोगों को एक बेहतरीन माहौल उपलब्ध प्रदान करेगी यानि की यहां की बिल्डिंग सौम्यता और आधुनिकता का पूट लिये होगी। यह आइलैंड कम से कम ऊर्जा में सभी सुविधाओं से युक्त होगा, जो विश्व में अपना एक अलग पहचान रखेगा।
सूर्य- आइलैंड पर बनी बिल्डिंग में ऊर्र्जा की ज़रूरत को प्राकृतिक ऊर्र्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य से पूरा किया जाएगा। बिल्डिंग को गर्म और ठंडा सौर पैनल के सहारे किया जाएगा, जो कैस्पियन सागर के वातावरण से प्राप्त किया जाएगा। सौलर हीट पैनल को बिल्डिंग के अलग-अलग स्थानों जैसे छतों पर और उसके गृहमुखों पर लगा कर सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करके बिल्डिंग्स की ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा।
पानी - आइलैंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जाएंगे, जो यहां के बेकार पानी, स्टोर्म वाटर को प्रोसेस करके साफ एवं स्वच्छ बनाया जाएगा। पानी को रिसाइक्लड करके इसका उपयोग सिंचाई में भी किया जाएगा। वेस्ट वाटर में मौजूद ठोस पदार्थ को प्रोसिड करके उसे खाद बनाया जाएगा, जो यहां की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने में मदद करेगा। इस विधि से जहां पानी की ज़रूरत को पूरा किया जा सकता है, वहीं इसे एक मनोरम और हरियाली से अच्छादित क्षेत्र के रूप में भी बने रहने में भी सहयोग भी मिलेगा।
हवा- ज़ीरा आइलैंड के लिये सबसे फायदे की बात यह है कि वह अजरबैजान की राजधानी बाकू के पास स्थित है, जिसे 'द सिटी ऑफ विंड' कहते हैं। जहां , यहां की ऊर्जा की ज़रूरत को पवन ऊर्र्जा से प्राप्त किया जाएगा। ज़ीरा आइलैंड वैसे स्थान पर स्थित है, जहां समुद्री वातावरण इस कार्य में अच्छा खासा सहयोग कर सकता है।
मुकेश कुमार झा