Hut Near Sea Beach

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House Boat

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Poly House

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Lotus Temple Delhi

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Enjoy holiday on Ship

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बुधवार, 30 सितंबर 2009

व्हाइट हाउस


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मंगलवार, 29 सितंबर 2009

निराली बिल्डिंग

मुकेश के झा 

बिल्डिंग की निराली दुनिया

बिल्डिंग्स की दुनिया भी काफी निराली होती है। इसके रूप और रंग पर भी भौगोलिक और सांस्कृतिक प्रभाव रहता है। इसी प्रभाव के कारण कभी-कभी वह अपने आप एक ऐसा रूप अख्तियार कर लेता है, जिसे देख कर आप चौंके बिना नहीं रह सकते हैं। इसे एक अलग रूप देने के लिये मानव मस्तिष्क की भूमिका भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।यहां पर कुछ ऐसे ही बिल्डिंग  से आप को रूबरू करा रहे हैं हम।

टेढा है पर मेरा है



 लीक से हटकर बनने वाला यह टेढ़ी मेढ़ी बिल्डिंग  पोलैंड के सोपोट शहर में स्थित है। यह शहर बाल्टिक सागर के दक्षिण, पोलैंड के उत्तर में स्थित है । टेढ़ी मेढ़ी बिल्डिंग का  निर्माण कार्य जनवरी, 2003 में शुरू किया गया और दिसम्बर 2003 में यह बनकर तैयार हो गयी। यह अजीब बिल्डिंग का वास्तु पोलैंड के प्रसिद्ध चाइल्ड बुक इलुस्ट्रेटर और चित्रकार जन मारसीन स्ज़ानसर Jan Marcin Szancer  और स्वीडन के पर दाहलबर्ग Per Dahlberg के पेंट और पिक्चर पर आधारित है।  यह स्थान हेल्थ स्पा और टूरिस्ट रिज़ार्ट के लिए भी  प्रसिद्ध है। सोपोट inhalation mushroom के नाम से प्रसिद्ध है। यह अजीब बिल्डिंग यहां की   पहचान बन गयी  है।
सर्पिलाकार बिल्डिंग

प्रकृति के मेल और रंग के सहयोग से बना यह बिल्डिंग जर्मनी के दारमस्टैडट शहर में स्थित है। इस अनोखे बिल्डिंग को बनाने में 2 वर्ष लगे। इसका निर्माण कार्य वर्ष 1998 से शुरू होकर वर्ष 2000 में समाप्त हुआ। इस बिल्डिंग की डिज़ायन आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध वास्तुकार Friedensreich Hundertwasser  ने तैयार किया है। विलक्षण प्रतिभा के धनी मिस्टर रिएदेन्स्रेइच हुन्देर्त्वास्सेर के नाम पर ही इस बिल्डिंग का नाम पड़ा है-Hundertwasser Building । यह प्रसिद्ध वास्तुकार बिल्डिंगों के निर्माण में रंगों के अनोखे रूप का प्रयोग करके खूब बाहवाही लूटी है। जहां एक तरफ वह एक बढिय़ा चित्रकार हैं, वहीं दूसरी तरफ एक अच्छे वास्तुकार भी हैं। इनके  निर्माण में जैविय रूपों (organic forms) के साथ रंगों की विचित्रता भी भरपूर रहती है। इस बिल्डिंग के गुम्बद प्याज के  आकार की  हैं, जिसके कारण यह देखने में काफी सुन्दर लगती है। Bauverein Darmstadt  कंपनी की योजना को वास्तुकार Heinz M. Springmann सहयोग से अनोखा रूप दिया जा सका। यह अनोखा सर्पिलाकर बिल्डिंग में 105 अपार्टमेंट्स होने के साथ पार्किंग गैरेज, कियोस्क, कैफे बार,कॉकटेल बार, रेस्ट्रोरेंट, जैसी आधुनिक सुविधाओं से भी लैस है। इसके अंदर के आंगन में बच्चों को खेलने के लिये प्लेग्राउंड और छोटे-छोटे कृत्रिम तालाब भी हैं। इसके दक्षिण-पूर्वी भाग में बना रेस्ट्रोरेंट और कॉकटेल बार, यहां के माहौल को और भी रंगीन कर देता है। इस यू आकार के स्वरूप में बनी  बिल्डिंग की हरेक खिड़कियां अलग-अलग डिज़ायन की हैं , जिसे दूर से देखने पर लगता है कि असामां में कोई अलग-अलग तरह के सितारे जड़ दिये हों। बेतरतीब ढंग से लगा यह खिड़की पर कई प्रकार के फूल और झाड़ी इसे प्रकृति के करीब ले जाता है। बिल्डिंग के  diagonal roof  के साथ बढ़ता छोटे-छोटे पेड़-पौधे, फूल और झाड़ी से सुस्जित यह भाग इस यू आकार के बिल्डिंग में रैंप पर मॉडलों के माफिक इठलाता हुआ नज़र आता है। इसके सबसे ऊंचे भाग में 12 फ्लोर हैं, जो सुन्दरता को और बढ़ा देते हैं । एक हज़ार से भी ज्यादा खिड़कियों में कोई समानता नहीं होना भी इसे अनोखा बनाता है। प्रत्येक अपार्टमेंटस का रूप-रेखा इस अनोखी  खिड़कियां और इसके अनोखे दरबाजे से लगी  हुयी  हैं। वास्तुकार Friedensreich Hundertwasse के व्यक्तिगत सोच का प्रभाव बाथरूम और किचिन में स्पस्ट दृष्टिïगोचर होता है। कर्ई रंगों के रूप में यहां लगी  टाइल्स कलर की दुनिया को एक अनोखे अंदाज़ में प्रस्तुत करती है। इस बिल्डिंग की आन्तिरक साज-सज्जा के साथ बाहरी रूप भी कई रंगों के अनोखे संगम से एक अनूठा रूप ले लेता है, जिसमें रंगों से भरपूर क्रीमिक कलर और अर्थ टोन मुख्य हैं ।
बॉस्केट बिल्डिंग


अक्सर आपने बॉस्केट में समान ले जाते हैं, लेकिन इस समान ढ़ोने वाली  यह बॉस्केट भी एक अच्छा खासा बिल्डिंग का रूप ले ले तो आप इसे क्या कहेंगे। इस बॉस्केट बॉल के रूप को अमेरिका के ओहियो प्रांत में एक बिल्डिंग का रूप दिया गया है। लांगाबर्जर बॉस्केट कम्पनी का यह ऑफिस दुनिया भर की कंपनियों के ऑफिसों में सबसे विचित्र है। यह एक लाख 80 हज़ार किमी. स्क्वेयर फीट में फैला हुआ है। कंपनी द्वारा 2 साल में  निर्माण किये गये सबसे प्रसिद्ध बास्केट, जिसकी कीमत करीब 30 मिलियन डॉलर आंकी गयी है, वास्तव में यह ऑफिस उसी बॉस्केट की नकल है। यह सात मंजिल बिल्डिंग कंपनी की सबसे प्रसिद्ध बास्केट 192 फीट लंबा और 126 फीट चौड़ा निर्मित बॉस्केट से लगभग 62 गुना बड़ी है। इस बॉस्केट को एक बिल्डिंग के रूप देने के लिये कई वास्तुविदों और इंजीनियरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बुक बांन्डिग बिल्डिंग



लाइब्रेरी में रखी  गयी  किताबों के स्वरूप में किसी बिल्डिंग का डिज़ायन देखे तो आप कुछ देर के लिये ज़रूर चौंक जाएंगे कि यह किताब लाइब्रेरी के बाहर किया कर रही है, लेकिन ज्यों ही आप इस बिल्डिंग के करीब जाएंगे, पूरी  हकीकत आपको मालूम हो जाएगी । जी, हां-- यहां हम बात कर रहे हैं अमेरिका स्थित कनसास सिटी पब्लिक लाइब्रेरी की। यह प्रसिद्ध लाइब्रेरी अमेरिका के मिसौरी राज्य में स्थित है। यह लाइब्रेरी पुस्तक प्रेमियों के लिये किसी मक्का से कम नहीं है। दुनिया भर के प्रसिद्ध किताब इस लाइब्रेरी की शान है। बुक बांन्डिग के रूप, इस लाइब्रेरी के वास्तुकार को इतना भाया कि वह इसे डिज़ायन के रूप में इस लाइब्रेरी की बिल्डिंग के साथ एक अनोखा रूप दे दिया। यह अनोखा रूप ही आज इस प्रसिद्ध लाइब्रेरी की पहचान बन गया  है।
क्यूबिक बिल्डिंग



यह क्यूबिक आकार की बिल्डिंग अपने अनोखे रूप के कारण प्रसिद्ध है। यह नीदरलैंड के रौटरडम में स्थित है। इसे बनाने का आइडिया सर्वप्रथम वर्ष 1970 में प्रकाश में आया। पियट बलोम नामक वास्तुकार ने इस बिल्डिंग को एक नया रूप दिया। दो क्यूबिक बिल्डिंग का कॉन्सेप्ट पहले ही नीदरलैंड के प्रसिद्ध स्थान हेलमोंड में पहले ही विकसित किया गया था। कहीं न कहीं इस क्यूबिक बिल्डिंग पर इसका प्रभाव स्पष्टï दृष्टिगोचर होता है। Piet Blom को रौटरडम प्रशासन ने यहां स्थित पेडेस्ट्रीन ब्रिज pedestrian bridge के ऊपर एक बिल्डिंग की डिज़ायन तैयार करने को कहा। उन्होंने इस ब्रिज के ऊपर बिल्डिंग के रूप में क्यूबिक बिल्डिंग के कॉन्सैप्ट का सहारा लिया, जो संभवत: इस भू-आकृति के लिये फीट बैठता था। इस कार्य के लिये अपनाया गया यह कॉन्सैप्ट ने बिल्डिंग के स्वरूप को विचित्रता में ढाल दिया, जिसके कारण पूरा-पूरा बिल्डिंग बेतरतीब ढंग का नज़र आने लगा। इस विचित्रता ने ही इसकी एक अलग पहचान दी।

जस्टिस सेंटर लियोबेन

सजा हो तो ऐसी?

आप अपने दिमाग के घोड़े को रफ्तार में दौड़ाइये और बताइये कि यहां दिये गये दृश्य किसका हो सकता है। चित्र देखकर तो आपने यही अनुमान लगाया होगा कि यह चित्र कहीं के शॉपिंग मॉल या किसी फाइव स्टार होटल का होगा लेकिन आप चौंक जाएंगे, जब आपको पता चलेगा कि यह चित्र न तो किसी फाइव स्टार होटल का है और न ही किसी हाई- फाई शॉपिंग मॉल का। चौंक गये न सुनकर, तो आपगी हैरानगी को देते हैं, विराम। यह दृश्य वास्तव में जेल का है। आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा जेल भी कहीं हो सकता है। तो जनाब- वास्तव में दुनिया में कुछ चीज़ें ऐसी है जिसके बारे में सुनकर आप दांतों-तले उंगलियाँ दबा लेते हैं और यह भी ऐसी ही चीज़ों की  फेहरिस्त में शुमार है। यह जेल आस्ट्रिया के स्ट्रीया प्रांत के लियोबेन जि़ले में स्थित है।

 इसका नाम जस्टिस सेंटर लियोबेन है। मशहूर आर्किटेक्ट जोसफ होहैनसिन्न ने इस जेल की डिज़ाइन तैयार किया है। इसे वर्ष 2005 में तैयार किया गया था। इस जेल की परिधि पर दो शिलालेख हैं, जिसमें प्रथम शिलालेख में उत्र्कीर्ण शब्द हैं ''मानव जाति स्वतंत्र पैदा होते हैं  और वे सब बराबर की गरिमा व जीने के  अधिकारी होते हैं.'' यह शब्द अमेरिका के स्वतंत्रता के घोषणापत्र से लिया गया है। दूसरे शिलालेख पर उत्र्कीण शब्द हैं ''प्रत्येक व्यक्ति जो अपनी स्वतंत्रता से वंचित है, उसके साथ भी जन्मजात गौरव और सम्मान के साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिये''।

इस जेल को यहां स्थित कोर्ट बिल्डिंग के पास ही तार्किक रूप से बनाया गया है। जहां एक तरफ की जि़न्दगी दीवारों से सिमटी है तो दूसरी तरफ जेल से दिख रहा पूरा शहर की जि़न्दगी खुले आसमान में स्वछंद विचरण कर रही है। इस बात की गहराई समझाने के लिहाज से ही इस जेल का निर्माण किया गया है। इसे टाउनशिप योजना के तहत बनाया गया है। वास्तव में इस जेल को बनाने के पीछे एकमात्र ध्येय यह है कि यह न्याय का पैलेस तो नहीं है लेकिन एक आधुनिक और उज्जवल भविष्य की कामना हेतु आम नागरिकों की सेवा में समर्पित है।


इस जेल में कैदियों को ये सभी सुविधाएं दी जाती है, जो आधुनिक युग की मांग है। 'जस्टिस सेंटर लियोबेन' में स्पा, जीमखाना, इंडोर कोर्ट, व्यक्तिगत अभिरूची के समान जैसी कई सुविधाएं हैं, जिसे देखकर आप चौंके बिना नहीं रह सकते हैं। इस लग्ज़रीस जेल में 205 कैदियों को रहने की अति उत्तम व्यवस्था है।

मुकेश कुमार झा

सोमवार, 28 सितंबर 2009

10 डाउनिंग स्ट्रीट


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शनिवार, 26 सितंबर 2009

अजब-गज़ब

अनोखा आइलैंड
 आइलैंड की दुनिया भी कम अनोखी नहीं होती है। खासकर, मानव निर्मित आइलैंड की बात की जाय तो उसके स्वरूप ऐसे होते हैं कि आप सहसा विश्वास नहीं कर सकते हैं कि वास्तव में यह आइलैंड है या कुछ और। यहां पर कल्पनाओं की सुंदर योजनानओं को धरती पर उतारने के लिए मानव मस्तिष्क की भूमिका भी कम महत्वपूर्ण नहीं होती है। पानी के साथ इसका यह अनोखा संगम बरबस ही किसी को अपनी ओर खींचता है। इस अनोखे आइलैंड की दुनिया में फ्लोटिंग स्पाइरल आइलैंड भी कुछ इसी प्रकार का है। यह अनोखा आइलैंड मैक्सिको के दक्षिण कैरिबियन खाड़ी में स्थित है। यह स्थान कानकुन (Cancún)  सिटी के नाम से प्रसिद्ध है। स्पाइरल आइलैंड अनोखा होने के साथ-साथ सुंदर भी है। इस अनोखे आइलैंड का निर्माण कार्य की शुरूआत 1998 में की गई। ब्रिटिश प्रसिद्ध पर्यावरणविद् रिचार्ट सोवा आइलैंड के निर्माणकर्ता और वास्तुकार हैं। उन्होंने बेकार पड़े बोतलों और अन्य वज्र्य पदार्थ से इसका निर्माण किया। इस अवशिष्टï पदार्थ को लकड़ी और बांस के सहारे सुंदर रूप दिया गया। समुद्री बालू और कई पेड़ों के सहयोग से इस आइलैंड की नींव मज़बूत की गई।
समुद्री किनारे पर उगने वाले पेड़ मैंग्रोव ने स्पाइरल आइलैंड को स्थायित्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। लेकिन इस खूबसूरत औैर अनोखा आइलैंड को वर्ष 2005 के समय हरिकेन नामक समुद्री तुफान ने नष्टï कर दिया। उसके बाद फिर सोवा ने मैक्सिको के इस्ला मुजेरेस नामक स्थान पर इसी प्रकार के एक आइलैंड का निर्माण किया। वर्तमान में जो वास्तविक रूप से जो तैरता  हुआ आइलैंड दिख रहा है, उसमें टू स्टोरी हाउस, एक सोलर ओवन, सेल्फ कंपाजिटिंग टॉयलेट है, जो तीन बिच से घिरा हुआ है। इसे बनाने में करीब ढ़ाई लाख बोतलों का इस्तेमाल किया गया है। यह आइलैंड 66 फीट लंबा और 54 फीट चौड़ा है।
आइलैंड को प्रकृति के साथ सांमजस्य बनाने में समुद्री किनारे पर उगने वाली पेड़ मैंग्रोव का महत्वपूर्ण योगदान है। कुछ पेड़ तो यहां 15 फीट तक ऊंचे हैं। इसके निर्माणकर्ता सोवा बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। वह जहां अच्छे संगीतज्ञ हैं, वहीं कलाकार और कारपेंटर भी हैं। पर्यावरणविद् सोआ का मानना है कि कोई चीज़ बेकार नहीं होती है। बेकार चीज़ों से भी बेहतर संरचना बनाया जा सकता है। इनका मत है कि सिम्पलसिटी इज द बेस्ट। वह चीज़ो की रिसाइक्लिंग के सहारे प्रकृति की गोद में आशियाने बनाने की चाहत रखते हैं। यह आइलैंड अनोखा होने के कारण दुनिया भर की माडिया में स्थान पाता रहा है। इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट दोनों में ही इसका जलवा दुनिया के लोगों ने देखा है। खासकर, टीवी चैनलों पर 'बिलिव इट और बिलिव नोट' के कार्यक्रमों में उसने जमकर लोकप्रियता बटोरी है। यह तैरता हुआ आइलैंड को इस प्रकार से बनाया गया है कि यह डूब नहीं सकता है। वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया यह आइलैंड में ये सारी व्यवस्थाएं हैं जो इसे सुरक्षित और सुंदर रख सके। यहां चलने वाली हवा के गति को ध्यान में इसके हर एक भाग का निर्माण किया गया है। इस नए आइलैंड में बिच, पोखर, सोलर पावरर्ड वॉटर फॉल, कृत्रिम नदी और ऊर्जा की ज़रूरत को पूरा करने के लिए सोलर पैनल भी बनाए गए हैं। यह आइलैंड निर्माण की दुनिया को एक नए सिरे से परिभाषित कर रहा है। दिन-प्रति-दिन उसके निर्माण कार्य में कुछ न कुछ नयी चीज़ जुड़ रही है। यह आइलैंड पूरी तरह से इकोफ्रेंडली है।
मुकेश कुमार झा

XANADU

मुकेश कुमार झा


गेट्स हाउस- XANADU



धनकुबेरों की दुनिया का बेताज बादशाह रह चुके बिल गेट्स परोपकार और कर्तव्यनिष्ठा का मिसाल हैं, जो दुनिया की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनके स्वभाव के अनुरूप ही उनका निवास स्थान प्रकृति की गोद में बसा हुआ है, जो किसी का भी मन-मोह सकता है।

एक ऐसा ऐतिहासिक क्षण के रूपहले पहलू पर नज़र डालते हैं-एक शख्स जो हर एक सेकेंड में 250 डॉलर कमाता है, समय के हिसाब से आंकड़ा बैठता है, हर दिन की कमाई 20 मिलिनय डॉलर और वर्ष में 7.8 बिलियन डॉलर, अगर, इस शख्स के हाथ से 1,000 डॉलर का नोट गिर जाये तो वह उसे उठाने का कष्टï नहीं करेगा क्योंकि अगले चार सेकेंड में वह 1,000 डॉलर कमा चुका होगा। यदि अमेरिकी सरकार पर 5.62 ट्रिलियन डॉलर का  क़र्ज़  है तो वह उसे अकेले अगले दस साल में चुकता कर सकता है। यह अपनी कमाई की हिस्से में से दुनिया के प्रत्येक आदमी को 15 डॉलर का दान दे तो भी उसके पास 5 मिलियन डॉलर बच जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि अगर उसकी कमाई को एक डॉलर के नोटों में बदल दिया जाय तो इन नोटों से धरती से चन्द्रमा तक 28 बार सड़कें बनायी जा सकती है। इस सड़क को बनाने में लगभग 1400 वर्र्ष लग सकते हैं और इन नोटों को ढोने के लिए करीब 715 विमान लगाने होंगे। आप समझ ही चुके होंगे, भला वह शख्स कौन है। जी-हां , हम बात कर रहें है, धनकुबेर बिल गेट्स का। उनका पूरा नाम है, विलियम हेनरी गेट्स। 28 अक्टूबर, 1955 को माइक्रोसोफ्ट के जनक बिल गेट्स का जन्म अमेरिका के शियटल में सीनियर विलियम गेट्स के यहां हुआ था। उनका परिवार धनी था, उनके पिता नामी-गिरामी वकील थे और मां प्रथम इंटरस्टेट बैंक सिस्टम व यूनाइटेड वे के निदेशक मंडल में सेवारत थीं। उनके पिता राष्टï्रीय बैंक के अध्यक्ष भी थे। पढ़ाई के दौरान ही कम्प्यूटर उनके जि़न्दगी का अहम हिस्सा बन चुका था।
पर्सनल कम्प्यूटर (PC)क्रान्ति के जनक गेट्स ने पॉल एलेन के साथ मिलकर प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की। वे अमेरिका के प्रभावशाली अमेरिकी बिज़नेस मैन होने के साथ विश्व के तीसरे धनवान व्यक्ति में शुमार हैं। पूरे विश्व में 15 सालों तक धनकुबेरों की लिस्ट में सर्वोच्च पद पर विराजमान रहे गेट्स माइक्रोसोफ्ट में सीईओ एवं मुख्य सॉफ्टवेयर वास्तुकार के पद पर रहे हैं । उनकी साधारण पूंजी के 9 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेधारी लेकर सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक भी हैं।


उनकी लिखी रचना 'द रोड अहेडÓ 'बिज़नेस एट दी रेट द स्पीड ऑफ थाउटÓ से उनको खूब प्रसिद्धी भी मिली। वे बिल और मेलिंडा गेट्स संस्थान के माध्यम से दान और परोपकार का कार्य कर रहे हैं। जून, 2006 में उन्होंने घोषणा की कि माइक्रोसोफ्ट में अंशकालिक कार्य और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में पूर्णकालिक कार्य करेंगे। वर्तमान में कंपनी के दायित्व का निवर्हन रे ओन्जी(chief software architect) , क्रेग मुंडी और मुख्य अनुसंधान सह योजना अधिकारियों के जिम्मे है। हम यहां बिल गेट्स के घर को सैलेब्रिटी प्रॉपर्र्टी के अन्तर्गत कॉलम में जिक्र करने जा रहे हैं। ऐसे देखा जाय तो धनकुबेर बिल गेट्स के घर को मीडिया ने हमेशा फोकस किया है। ऐसा- भला हो भी क्यों नहीं, जब घर बिल गेट्स का हो तो इसे खबरों की सुर्खियों में रहना लाजिमी ही है।

उनका घर दुनिया भर में प्रसिद्ध स्थान में शुमार वाशिंगटन लेक में स्थित है, जो अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में है। लेक के पहाड़ी वाले भाग में फैला इनका घर प्रकृति की गोद में समाया हुआ प्रतीत होता है। प्रकृति के रंगों के साथ पानी के तरंग में सिमटा यह सपनों का अशियाना किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकती है। इस घर को प्रकृति और तकनीकी का संगम कहा जाय, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस घर को प्यार से लोग Xanadu कहते हैं। zillow.com अनुसार बिल गेट्स की इस पूरे संपत्ति ((land and house)की कीमत $१५३,५८६,७०० के करीब आंकी गयी थी। आप अनुमान लगा सकते हैं कि वर्ष 2006 में इस घर का सिर्फ टैक्स के रूप में $१,०१२,३२ देना होता था, जो बढ़कर वर्ष 2008 में $१.०६३ million इतनी हो गयी। यह सियटल वीकली की रिर्पोट है। यह घर आधुनिकता की पुट लिए हुए है। इसे आधुनिक पैसेफिक लॉज के स्टाइल में बनाया गया है। इस घर की सुन्दरता को बेहतर बनाए रखने के लिए इसमें क्लालिक पूट का रूप भी भरा-परा है। खासकर, यहां गेट्स का निजी पुस्तकालय जो एक गुम्बदनुमा छत में रोशनी की भव्यता के साथ राजसी ठाट-बाट की याद दिलाती है। इस पुस्तकालय की भव्यता को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यहां का घर ऑटोमैटिक सिस्टम पर काम करता है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यहां का हर एक रुम वातावरण के साथ सामंजस्य बिठाने में बेहतर है। जब आप यहां के रुमों में कदम रखते ही ऑटोमैटिक रूप से लाइट जलने लगती है। घर के दीवारों के पीछे लगे म्यूजिक सिस्टम अपने आप बज उठते हैं, जब आप एक घर से दूसरे घर में जाते हैं।

पोर्टेबल टच पैड टीवी सेट्स, तापमान और लाइट सिस्टम को कंट्रोल करता है। गेट्स का घर करीब 1.5 एकड़ में फैला हुआ है। यहां के गैरेज में एक साथ तीस कारों को पार्किंग किया जा सकता है। 7 बेडरुम, 24 बाथरुम और 24 किचिन यहां के घरों की शान है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था उच्च स्तर की है। स्विमिंग पुल अंडरवाटर म्यूजिक सिस्टम से जुड़ा हुआ है और उसके पूरे भाग को प्रकृति के साथ एक अनोखा संगम बनाने के लिए fossil motif जीवाश्म के पेंट से सजाया गया है। व्यायाम करने के लिए विश्व स्तर की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। 25,00 स्क्वेयर फीट में फैला यह व्यायामशाला में sauna, steam room के साथ महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं। ग्रो ग्रीन के कॉन्सेप्ट के तहत पूरे भाग के कुछ हिस्सों में यहां के प्रमुख पेड़-पौधों alder, maple, and Douglas fir को लगाया गया है, ताकि यह वातावरण के साथ प्रकृति से जुड़कर पूरे घर को एक मनमोहक और सम्मोहक अंदाज़ दे। जहां सुकून के पल में आन्नद का अनुभव प्राप्त किया जा सके। यह इलाका भूकम्प प्रभाव के क्षेत्र में आता है, इसलिए पूरे निर्माण क्षेत्र को भूकम्परोधी बनाया गया है। इस प्रसिद्ध घर को देखकर आप कल्पनाओं से जुड़ सकते हैं, लेकिन, हां , ये कल्पना आपके लिए भले हो, पर गेट्स के लिए नहीं।

प्रॉपर्टी संसार-मुकेश कुमार झा

प्रॉपर्टी संसार में आपका स्वागत है। यहाँ पर आप प्रॉपर्टी से सम्बंधित तमाम मामलों की जानकारी प्राप्त कर सकतें हैं। प्रॉपर्टी एक ऐसा विषय है, जो जटिल होने के साथ-साथ ज्यादातर बातें अंग्रेज़ी में होने के कारण समाज का एक खास तबका इस दुनिया के बारे में कम जान पाता है। ब्लॉग बनाने का मेरा मात्र एक ही उद्देश्य है कि प्रॉपर्टी संसार के बारे में आम लोग ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकें। यह आपका अपना ब्लॉग है। जब कभी कुछ भी त्रुटियां नज़र आयें,हमें ज़रूर अवगत कराएं। आपके सुझाव और सलाह का हमेशा स्वागत है । हाँ, इस बात का आप ज़रूर ख्याल रखें कि किसी भी लेख को छापने से पहले आप 9625887185, journalist.iimc@gmail.com  पर संपर्क करें. किसी भी लेख को पब्लिश करने से पहले लेखक की अनुमति अनिवार्य है .